धर्म प्रचारक एवम समाज सुधारक में अंतर होता है धर्मप्रचारक किसी की विचार धारा को दूसरों को मनवाने में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक लोगों की समस्याओं के निराकरण में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक अपने अच्छे कर्मों की वजय से अपने आप में धर्म बन जाता है जिसे हम जीवन पर्यंत भूलते नही है लेकिन धर्म प्रचारक को सायद ही आप याद रखते है
©Er.Mahesh Kumar
#समाज सुधारक