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Er.Mahesh Kumar
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समाज में जितने भी समाज सुधारक हुए हैं उन्होंने समाज के सुधार के लिए उन्ही लोगों से ज्यादा संघर्ष किया जिनके न्याय के लिए वो लड़े लोग समाज सुधारक की उसके मरने के बाद पूजा कर सकते हैं लेकिन किसी समाज सुधारक का वर्तमान समय में साथ नही देते न उनके नियमों को अपनाना चाहते हैं ©Er.Mahesh Kumar
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धर्म प्रचारक एवम समाज सुधारक में अंतर होता है धर्मप्रचारक किसी की विचार धारा को दूसरों को मनवाने में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक लोगों की समस्याओं के निराकरण में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक अपने अच्छे कर्मों की वजय से अपने आप में धर्म बन जाता है जिसे हम जीवन पर्यंत भूलते नही है लेकिन धर्म प्रचारक को सायद ही आप याद रखते है ©Er.Mahesh Kumar
दीपक की ज्योति होती है निराली दिवाली सबको देती है खुश्याली पटाकों की गूंज बच्चों में भरती किलकारी दीपावली पर सभी को शुभकामनाएं निराली ©Er.Mahesh Kumar
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आपके जीवन से सिर्फ हमने यही जाना है मरने के बाद व्यक्ति के कर्म को ही पहचाना है आपको धरती पुत्र कहा गया क्योंकि आपने धरती को अपनी मां के रूप में माना है बहुत से लोगों के दिल में हमेशा राज किया ऐसा नेता जी के जीवन का सफर रहा सुहाना है मेने भी अपने दिल की गहराइयों से नेता जी के कर्मों को बखाना है ©Er.Mahesh Kumar
इस नीले आसमां में कितने सितारे चले गए पीछे सिर्फ अपनी यादें छोड़ गए पता नही क्या होता है इंसान का मरने के बाद यन्हा तो सिर्फ चर्चा होती है उनके कर्मों की बेहिसाब अभी भी वक्त है मत भागो दौतल के लिए इतना कि सही को भी भूल जाओ एवम सिर्फ दौलत की खातिर मासूम जनता को सताओ नही तो लोगों की सहानभूति भी लेजाओगे तुम अपने मरने के साथ ©Er.Mahesh Kumar
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