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#कविता #cloud  चुप्पी मन को चुभती है  बदरा 
गरज कर शांति की बूंदे बरसा 
तरस गए हैं श्रवण को तेरा ये गर्जन
 पिपासा को बदरा कुछ तो बुझा ।।

तू गरजे तो बिजुरी कौंधे
मन की बिजुरी आंखें मूंदे
हो शांत मन का अंधेरा
बरसे तन पर तरसी बूंदें ।।

तेरी गर्जन शांत कर दे वो रूदन
जीवों का वो करुण क्रंदन
निरीह प्राणियों पर तरस तो खा
आज बरसों की प्यास बुझा ।।

©NC

#cloud #life कविताएं कविता कोश

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#Motivational  
भरोसा एक ऐसा हथियार है जो खुद के पास रखोगे तो ताकत बनेगी,
वही अगर दूसरों पर रखोगे तो कमजोरी बनेगी।

©KIRAN

TRUST YOURSELF

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वक्त पर बारिश हो तो यहां खेत गुलजार रहता है नहीं तो कौन यहां किसी के लिए तैयार रहता है मौसम जब भी बेवक्त करवटें बदले यहां मेहनत लाख करे किसान बेकार रहता है सुखी मिट्टी को है सदियों से बादल की तलब जैसे प्यार में कोई आशिक बेकरार रहता है चुनाव की हर किताब में यहां मौसम सुहाना है सपनों में उलझा हुआ कहीं बेरोजगार रहता है चुनाव की फसल बस कटने पर देखिए वादों पे कौन कितना यहां सरकार रहता है दिन का सूरज समझे या रात का तारा उसको एक सोच का फर्क है जो बनके दीवार रहता है ये वक्त का समंदर है राम हर हिसाब से गहरा कोई इस पार रहता है कोई उस पार रहता है *राणा रामशंकर सिंह* उर्फ बंजारा कवि 🖊️....

#कविता #cloud  वक्त पर बारिश हो तो यहां खेत गुलजार रहता है 
नहीं तो कौन यहां किसी के लिए तैयार रहता है 

मौसम जब भी बेवक्त करवटें बदले यहां 
मेहनत लाख करे किसान बेकार रहता है 

सुखी मिट्टी को है सदियों से बादल की तलब 
जैसे प्यार में कोई आशिक बेकरार रहता है

चुनाव की  हर किताब में यहां मौसम सुहाना है 
सपनों में उलझा हुआ कहीं बेरोजगार रहता है 

चुनाव की फसल बस कटने पर देखिए 
वादों पे कौन  कितना यहां सरकार रहता है 

दिन का सूरज समझे या रात का तारा उसको 
एक सोच का फर्क है जो बनके दीवार रहता है 

ये वक्त का समंदर है  राम हर  हिसाब से गहरा 
कोई इस पार रहता है कोई उस पार रहता है

*राणा रामशंकर सिंह* उर्फ बंजारा कवि  🖊️....

#cloud

14 Love

କେତେ ପର୍'କାରେ ଗରିବ୍ ଦେଖ୍'ବୁ ନାଇଁ କରି ହୁଏ ଠାବ୍, ମନର ଗରିବ୍, ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଆର୍ ଗରିବ୍ ଆଏ କାର୍ ସ୍ବଭାବ୍ । ଧନର୍ ଗରିବ୍ ,ଗରିବ୍ ନୁହେ ତାର୍ ଧନର୍ ଖାଲି ଅଭାବ୍, ବେଭାର୍ ଟିକ୍'କ ବନେ ବୋଲି କରି ସବୁଠାନେ ତାର୍ ଭାବ୍ । ମନର୍ ଗରିବ୍ ଦୁଇ ପେଚିଆ ଉପ୍'ରେ ଉପ୍'ରେ ବନେ, ଭିତର କେ ଆର୍ କିଏ ଦେଖୁଛେ ଅହଙ୍କାର୍ ଥିବା ଘନେ । ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଅବିଚାର୍ ଥି ଏକ୍ ନମର୍ ରଜା । ଅଡ଼ୁଆ ଭିତରେ ଲୁକ୍'କୁ ପକେଇ ଦେଖ୍'ବା ଖାଲି ମଜା । ବେଭାରେ ଗରିବ୍ ଦୁର୍'ବେଭାର୍ କେ ନିଜର୍ ବୋଲି ଭାବେ , ଆର୍ ନୁକୋ କଥା କେ ଛି ଥୁ କରି ରହେସି ନିଜର୍ ଲାଭେ‌ । ଆର୍ କେତେ ଯେ ଗରିବ୍ ଥିବେ ନାଇଁ ମିଲେ ତାର୍ ଧାର୍ , ନିଜେ ବନେ ଥିଲେ ସବୁ ବନେ ଇନେ ଇ କଥା ଟା ସାର୍ । ମୁନୁଷ୍ ଜୀବନ୍ ବଡ଼ା ଦୁର୍ଲଭ୍ ପୁଇଁନ୍ କଲେ ମିଲେ , ଧନ୍ ଥାଇ କରି ଗରିବ୍ ହେଲେ ଘାଣ୍ଟି ହେବୁ ଅର୍କଲେ । ©ଶ୍ରଦ୍ଧା......

#cloud  କେତେ ପର୍'କାରେ ଗରିବ୍ ଦେଖ୍'ବୁ 
ନାଇଁ କରି ହୁଏ ଠାବ୍,
ମନର ଗରିବ୍, ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଆର୍ 
ଗରିବ୍ ଆଏ କାର୍ ସ୍ବଭାବ୍ ।
ଧନର୍ ଗରିବ୍ ,ଗରିବ୍ ନୁହେ ତାର୍ 
ଧନର୍ ଖାଲି ଅଭାବ୍,
ବେଭାର୍ ଟିକ୍'କ ବନେ ବୋଲି କରି 
ସବୁଠାନେ ତାର୍ ଭାବ୍ ।
ମନର୍ ଗରିବ୍ ଦୁଇ ପେଚିଆ 
ଉପ୍'ରେ ଉପ୍'ରେ ବନେ,
ଭିତର କେ ଆର୍ କିଏ ଦେଖୁଛେ 
ଅହଙ୍କାର୍ ଥିବା ଘନେ ।
ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଅବିଚାର୍ ଥି 
ଏକ୍ ନମର୍ ରଜା ।
ଅଡ଼ୁଆ ଭିତରେ ଲୁକ୍'କୁ ପକେଇ 
ଦେଖ୍'ବା ଖାଲି ମଜା ।
ବେଭାରେ ଗରିବ୍ ଦୁର୍'ବେଭାର୍ କେ 
ନିଜର୍ ବୋଲି ଭାବେ ,
ଆର୍ ନୁକୋ କଥା କେ ଛି ଥୁ କରି ରହେସି 
ନିଜର୍ ଲାଭେ‌ । 
ଆର୍ କେତେ ଯେ ଗରିବ୍ ଥିବେ 
ନାଇଁ ମିଲେ ତାର୍ ଧାର୍ , 
ନିଜେ ବନେ ଥିଲେ ସବୁ ବନେ ଇନେ
 ଇ କଥା ଟା ସାର୍ ।
ମୁନୁଷ୍ ଜୀବନ୍ ବଡ଼ା ଦୁର୍ଲଭ୍ 
ପୁଇଁନ୍ କଲେ ମିଲେ ,
ଧନ୍ ଥାଇ କରି ଗରିବ୍ ହେଲେ 
ଘାଣ୍ଟି ହେବୁ ଅର୍କଲେ ।

©ଶ୍ରଦ୍ଧା......

#cloud ଗରିବ୍

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#Motivational #nojotohindi #cloud  जब ऊपर वाले ने मेरे लिए बुरा नहीं सोचा,
तो ये नीचे वाले मेरा क्या बिगाड़ लेंगे..!!

©Raj
#शायरी #cloud  तेरा मेरा अलग सा रिश्ता लगता है,
कभी हासिल तो कभी जुदा लगता है,

अजीब इश्क है हम दोनों के दरमियां,
कभी हुआ कभी नहीं हुआ लगता है,

शख्सियत उसकी रंग बदलने की है,
कभी बावफा तो कभी बेवफा लगता है,

उसकी तबियत भी कुछ बादलों जैसी है,
कभी मेहरबां कभी खफा लगता है।

©Navash2411

#cloud

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