""नज़्म""
बेरंग _सी _उभरती एक शाम ने ,
नज़्म_ सी _छेड़ी मेरे कान में,
एक लहर _सी _उठी सैलाब बन
झकोर कर मेरे मन को कहा,
उदास है तू क्यू बेवजह
वक्त जो तेरे साथ है,
शाम _ऐ_ महफील में
मैं भी तेरे साथ हूं !
मैं अनकही _सी _ नज़्म हूं ,
तू भी नज़्म _सा _एहसास बन !
समाकर मुझमें तू
खूबसूरत_ सी_नज़्म_ सा _ख्वाब बन !
बेरंग_ सी_ उभरती एक शाम ने
नज़्म सी छेड़ी ............!!
©Dr nvn.
#alone Priyanka Modi Priyanka Modi Deepu Shiwani sara@