वो बहकर जब निकलती है हिमालय–आशियाने से, उसी गंगा | हिंदी शायरी

"वो बहकर जब निकलती है हिमालय–आशियाने से, उसी गंगा का होना, मन–इलाहाबाद करता है ©Vivek Vistar"

 वो बहकर जब निकलती है
हिमालय–आशियाने से,

उसी गंगा का होना, 
मन–इलाहाबाद करता है

©Vivek Vistar

वो बहकर जब निकलती है हिमालय–आशियाने से, उसी गंगा का होना, मन–इलाहाबाद करता है ©Vivek Vistar

वो बहकर जब निकलती है
हिमालय–आशियाने से
उसी गंगा का होना,
मन–इलाहाबाद करता है

#Ganga
#vivekvistar
#gangashayari

People who shared love close

More like this

Trending Topic