ना कल मेरा पहचान था ना आज मेरा पहचान है।
मेरे जिस्म के किसी कोने में नहीं बचा जान है।
हमे जिसने भी मारा है पत्थर हर एक मोड़ पर,
उस ब्जम के भीड़ में कृष्ण तुम्हारा भी नाम है।
कवि:- कृष्ण मंडल
#alone
ना कल मेरा पहचान था ना आज मेरा पहचान है।
मेरे जिस्म के किसी कोने में नहीं बचा जान है।
हमे जिसने भी मारा है पत्थर हरेक मोड़ पर,
उस ब्जम के भीड़ में कृष्ण तुम्हारा भी नाम है।
कवि:- कृष्ण मंडल