आंखों का बस यही पहचान होता है, आज का अपना कल अनजा | हिंदी Shayari

"आंखों का बस यही पहचान होता है, आज का अपना कल अनजान होता है।। ©Atul Kumar Ashish"

 आंखों का बस यही पहचान होता है,

आज का अपना कल अनजान होता है।।

©Atul Kumar Ashish

आंखों का बस यही पहचान होता है, आज का अपना कल अनजान होता है।। ©Atul Kumar Ashish

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