White अर्ज़ है....
रात मुख़्तसर हैं, थोड़ी बात करने दो कुछ पल तेरे संग जीने, कुछ पल मरने दो
आलम-ए-तन्हाई में, जज़्बातों को बहने दो होश न आये कभी मुझे, बस यूँ ही रहने दो
ढलती आधी चांदनी सा, मुझे भी ढलने दो रात के सफ़ेद चादर पर, यूँ ही पड़े रहने दो
ख़ामोशी को आज,बे-शुमार बातें करने दो और लफ़्ज़ों को, बस यूँ ही खामोश रहने दो
ख़्वाबों के परिंदे, आज बे-परवाज़ उड़ने दो दिल के आसमान में, इन्हें भी आगे बढ़ने दो..!!
©Kanchan Agrahari
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