आज का युग और बुजुर्ग
बुजुर्गो की अनदेखी आज ज्वलंत समस्या है !
जाने अनजाने में ये बहुतांश घरों में घड़ता है !!
नई पीढ़ी भी आज के बढ़ते तनाव में जी रही है !
बुजुर्गों से सीख लेने की मानसिकता ही नहीं है !!
तजुर्बा दुनियां के है हर ज्ञान विज्ञान से ऊपर है !
कंप्यूटर ज्ञान में नई पीढ़ी बुजुर्गों से ऊपर है !!
बुजुर्गों को ये मानने में ज़रा भी परहेज नहीं है !
मगर नई पीढ़ी तजुर्बे को तरजीह ही न दे रही है !!
तजुर्बे से महरूम युवाओं का तनाव बढ़ता है !
बुजुर्ग आखिर वृद्धाश्रम की ओर चल पड़ता है !!
बुजुर्ग को कमाने की लालसा नहीं है !
इसी लालसा में सारी जिंदगी जी ही ली है !!
अब उम्र के इस पड़ाव पर है सुकून की ही लालसा !
आदर भरा वार्तालाप सुकून की बारिश कर सकता !!
युवा पीढ़ी अनादर करने में कोई कसर न छोड़ती !
यहीं से एकल परिवार की नींव घर घर में पड़ती !!
एकल परिवार तनाव कम करने ऐवजी बढ़ाता है !
अफ़सोस युवा इत्ती सी बात समझ नहीं पाता है !!
अग्रजों ने भी युवाओं को बिगाड़ने के आयाम रचे है !
तनाव में वो ज्यादा है जो बिगड़ने से बचे हैं !!
अग्रजों को ईमान की कदर नहीं है !
क्योंकि उनमें अधिकतर चोर उच्चके ही है !!
संभवत: कलयुग के अंतिम दौर में ही पहुंच रही है ये दुनिया !
सदियों में बनी प्रलय प्रकोप से पलों में विध्वंस्त हो सकती दुनिया !!
- आवेश हिन्दुस्तानी 02.08.2024
©Ashok Mangal
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