Ashok Mangal

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White कारों पर कार कंपनी से कई गुना ज्यादा सरकार कमाती है ! इसीलिए फुटपाथों पे धड़ल्ले से कारें पार्क की जाती हैं !! फुटपाथों पे टपरियां छुटभैये नेताओं की मौज कराती है ! जनता को सुरक्षित चल सकने की जगह ही न मिल पाती है !! देश की युवा पीढ़ी जुए सट्टे नशे पत्ते में धकेली जा रही ! धन जुटाने के लिये अपराध की ओर बढ़ती नजर आ रही !! नेताओं से साठगांठ इनके हौ हौंसले चौगुने बढ़ा रही है ! संस्कारी सुशिक्षित युवाओं को बेरोजगारी सता रही है !! क्रिकेट और मोबाइल की लत समय खा रही है ! अनचाहे फोनों की आफ़त कार्य समय पे जुल्म ढ़ा रही है !! सरकारों को जनहित से सरोकार नहीं ! पत्रकार भी अब जनहित के पैरोकार नहीं !! महंगी न्यायपालिका आम बूते से बाहर है ! न्याय प्रक्रिया अब सजे बाजार सा कारोबार है !! समय पर चुनावों का न करा पाना शर्मनाक है ! आज़ादी नाम की, गुलामी से बदतर हालात है !! बुद्धिजीवियों को सलाखों में डाल डरा रक्खा है ! आज़ादी में अग्रजों ने अंग्रेजों से ज्यादा उधम मचा रक्खा है !! एकजुटता से खड़ी हो पाये गर सारी युवा पीढ़ी ! तभी सम्भव है चढ़ पाना आज़ादी की मंजिल की सीढ़ी !! -आवेश हिंदुस्तानी 24.09.2024 ©Ashok Mangal

#कविता #JanMannKiBaat #AaveshVaani #sad_quotes  White  कारों पर कार कंपनी से कई गुना ज्यादा सरकार कमाती है !
इसीलिए फुटपाथों पे धड़ल्ले से कारें पार्क की जाती हैं !! 

फुटपाथों पे टपरियां छुटभैये नेताओं की मौज कराती है !
जनता को सुरक्षित चल सकने की जगह ही न मिल पाती है !!

देश की युवा पीढ़ी जुए सट्टे नशे पत्ते में धकेली जा रही !
धन जुटाने के लिये अपराध की ओर बढ़ती नजर आ रही !!

नेताओं से साठगांठ इनके हौ हौंसले चौगुने बढ़ा रही है !
संस्कारी सुशिक्षित युवाओं को बेरोजगारी सता रही है !!

क्रिकेट और मोबाइल की लत समय खा रही है !
अनचाहे फोनों की आफ़त कार्य समय पे जुल्म ढ़ा रही है !!

सरकारों को जनहित से सरोकार नहीं !
पत्रकार भी अब जनहित के पैरोकार नहीं !!

महंगी न्यायपालिका आम बूते से बाहर है !
न्याय प्रक्रिया अब सजे बाजार सा कारोबार है !!

समय पर चुनावों का न करा पाना शर्मनाक है !
आज़ादी नाम की, गुलामी से बदतर हालात है !!

बुद्धिजीवियों को सलाखों में डाल डरा रक्खा है !
आज़ादी में अग्रजों ने अंग्रेजों से ज्यादा उधम मचा रक्खा है !!

एकजुटता से खड़ी हो पाये गर सारी युवा पीढ़ी !
तभी सम्भव है चढ़ पाना आज़ादी की मंजिल की सीढ़ी !!

-आवेश हिंदुस्तानी 24.09.2024

©Ashok Mangal

White तानाशाह समझ रहा जन अब उसके साथ नहीं ! ऐसे में सुधरे बिना सत्ता टिकने के आसार नहीं !! छुट पुट छूट दे देकर बहलाने की कोशिशें जारी है ! छोटी मोटी बीमारी नहीं, जन को गंभीर बीमारी है !! जुए के विज्ञापनों को अविलंब बंद करे तानाशाह ! वरना रह न सकेगा तनके अब सत्ता में तानाशाह !! जुए में बरबाद युवा, अपराध में लिप्त होना ही है ! घर घर जन जन की आंखों को इसने भिगोना ही है !! नशे के बाजार भी सत्ता संज्ञान, संरक्षण में फल फूल रहे ! इक्का दुक्का इनसे हटके कर ले, उसको ही ये पकड़ रहे !! नैतिकता की होली हो रही फूहड़ फिल्मों व सीरियलों से ! खुलेआम अश्लीलता पसर रही प्रसारित कई विज्ञापनों से !! पढ़ाई हेतु तरुणाई को बड़े शहरों में अकेले रखना आम है ! पब प्रचलन सिगरेट चलन अब लड़कियों में भी आम है !! शादी होती नहीं समय पर, हुई तो भी अक्सर टिकती नहीं ! समाज की लापरवाही से ये समस्या कदापि हल होनी नहीं !! एकल परिवार अक्सर एक दूजे से निभा न पाते ! बात बिन बात लड़ झगड़ कर तलाक़ की ओर बढ़ जाते !! स्वार्थसनी मानसिकता परिवार संस्कार भुला रही ! बच्चों में मां बाप प्रति आदर सम्मान रहा नहीं !! उम्रदराज बनी जोड़ियां प्रजनन में अमूमन असफल है ! कईयों के मन में तो बच्चे पैदा ही न करने ललक है !! समाज की सुदृढ़ता जग संचलन के लिए है जरूरी ! कुंभकरण अनुसरण करते बुद्धिजीवियों में भरी है मगरूरी !! हे राम...हे कृष्ण... असंभव दीखे जनहित जश्न.. - आवेश हिन्दुस्तानी 26.8.24 ©Ashok Mangal

#कविता #JanMannKiBaat #janmashtami #AaveshVaani #Krishna  White तानाशाह समझ रहा जन अब उसके साथ नहीं !
ऐसे में सुधरे बिना सत्ता टिकने के आसार नहीं !!

छुट पुट छूट दे देकर बहलाने की कोशिशें जारी है !
छोटी मोटी बीमारी नहीं, जन को गंभीर बीमारी है !!

जुए के विज्ञापनों को अविलंब बंद करे तानाशाह !
वरना रह न सकेगा तनके अब सत्ता में तानाशाह !!

जुए में बरबाद युवा, अपराध में लिप्त होना ही है !
घर घर जन जन की आंखों को इसने भिगोना ही है !!

नशे के बाजार भी सत्ता संज्ञान, संरक्षण में फल फूल रहे !
इक्का दुक्का इनसे हटके कर ले, उसको ही ये पकड़ रहे !!

नैतिकता की होली हो रही फूहड़ फिल्मों व सीरियलों से !
खुलेआम अश्लीलता पसर रही प्रसारित कई विज्ञापनों से !!

पढ़ाई हेतु तरुणाई को बड़े शहरों में अकेले रखना आम है !
पब प्रचलन सिगरेट चलन अब लड़कियों में भी आम है !!

शादी होती नहीं समय पर, हुई तो भी अक्सर टिकती नहीं !
समाज की लापरवाही से ये समस्या कदापि हल होनी नहीं !!

एकल परिवार अक्सर एक दूजे से निभा न पाते !
बात बिन बात लड़ झगड़ कर तलाक़ की ओर बढ़ जाते !!

स्वार्थसनी मानसिकता परिवार संस्कार भुला रही !
बच्चों में मां बाप प्रति आदर सम्मान रहा नहीं !!

उम्रदराज बनी जोड़ियां प्रजनन में                                               अमूमन असफल है !
कईयों के मन में तो बच्चे                                                           पैदा ही न करने ललक है !!

समाज की सुदृढ़ता जग                                                            संचलन के लिए है जरूरी !
कुंभकरण अनुसरण करते                                                  बुद्धिजीवियों में भरी है मगरूरी !!

हे राम...हे कृष्ण...                                                               असंभव दीखे जनहित जश्न..

                                                                                       - आवेश हिन्दुस्तानी 26.8.24

©Ashok Mangal

दिशा देने वाले ही कर रहे दिशा भूल ! सरे आम झोंकी जा रही आंखों में धूल !! सरकारें मान चुकी रोजगार की कमी है ! इसीलिए भावी पीढ़ी की आंखों में नमी है !! खरबों रूपये अमीरों को बांटे जा रहे ! छोटी मोटी रकम दे दीनों को बहला रहे !! युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित रखा जा रहा ! सीटों को सीमित कर नेता शिक्षण के आड़े आ रहा !! देश में बीमारियां बेशुमार बढ़ रही ! इसीलिए डॉक्टरों की जरूरत भी बढ़ रही !! डाक्टरों को पढ़ाने की अनुमति सीमित है ! इसीलिए सीटें पाने के लिए करोड़ों की जरूरत है !! बीमारियों को बढ़ने से रोकने पर ध्यान ही नहीं ! उल्टे इनकी बढ़ौतरी हेतु मिलावट चहुं ओर ही !! नर्सरी केजी पहली दूसरी की फीस भी लाखों में ! सारी कमाई स्वाह हो जाती बच्चों को पढ़ाने में !! शादियां उम्रदराजी के बाद होने लगी है ! ऐसी जोड़ियां दैहिक आकर्षण ही खोने लगी है !! समुचित समागम अभाव में संतानोत्पत्ति सहजता से नहीं हो पाती ! देरी होते देख वैज्ञानिक विधियों में जोड़ियां लाखों गंवाती !! प्रसूति भी अधिकतर पेट फाड़ के की जाने लगी है ! अधिक कमाने की होड़ में डॉक्टरी ये प्रथा अपनाने लगी है !! चारों ओर से लूट का शिकार होती जोड़ियां लड़ पड़ती है ! लड़ाई बढ़ते ही तलाक़ की भूमिका बनने लगती है !! दोनों कमाते एकल परिवार में संसार आई से नहीं आया से आते हैं ! दंपत्ति अक्सर माया के फेर में पड़ प्रेम मोहब्बत भूल ही जाते हैं !! बाबा भोपे पग पग पर बरगलाने को चहुं ओर फैले हैं ! अंधविश्वास बढ़ा के झमेलों में उलझा लोगों के जीवन से खेले हैं !! युवाओं को जुए सट्टे नशे पत्ते में उलझा पंगु बनाया जा रहा ! एकाध क्रांति की सोच भी ले, तो भी कोई साथ न आ रहा !! -आवेश हिन्दुस्तानी 20.08.2024 ©Ashok Mangal

#indian_akshay_urja_day #कविता  दिशा देने वाले ही कर रहे दिशा भूल !
सरे आम झोंकी जा रही आंखों में धूल !!

सरकारें मान चुकी रोजगार की कमी है !
इसीलिए भावी पीढ़ी की आंखों में नमी है !!

खरबों रूपये अमीरों को बांटे जा रहे !
छोटी मोटी रकम दे दीनों को बहला रहे !!

युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित रखा जा रहा !
सीटों को सीमित कर नेता शिक्षण के आड़े आ रहा !!

देश में बीमारियां बेशुमार बढ़ रही !
इसीलिए डॉक्टरों की जरूरत भी बढ़ रही !!

डाक्टरों को पढ़ाने की अनुमति सीमित है !
इसीलिए सीटें पाने के लिए करोड़ों की जरूरत है !!

बीमारियों को बढ़ने से रोकने पर ध्यान ही नहीं !
उल्टे इनकी बढ़ौतरी हेतु मिलावट चहुं ओर ही !!

नर्सरी केजी पहली दूसरी की फीस भी लाखों में !
सारी कमाई स्वाह हो जाती बच्चों को पढ़ाने में !!

शादियां उम्रदराजी के बाद होने लगी है !
ऐसी जोड़ियां दैहिक आकर्षण ही खोने लगी है !!

समुचित समागम अभाव में संतानोत्पत्ति सहजता से नहीं हो पाती !
देरी होते देख वैज्ञानिक विधियों में जोड़ियां लाखों गंवाती !!

प्रसूति भी अधिकतर पेट फाड़ के की जाने लगी है !
अधिक कमाने की होड़ में डॉक्टरी ये प्रथा अपनाने लगी है !!

चारों ओर से लूट का शिकार होती जोड़ियां लड़ पड़ती है !
लड़ाई बढ़ते ही तलाक़ की भूमिका बनने लगती है !!

दोनों कमाते एकल परिवार में संसार आई से नहीं आया से आते हैं !
दंपत्ति अक्सर माया के फेर में पड़ प्रेम मोहब्बत भूल ही जाते हैं !!

बाबा भोपे पग पग पर बरगलाने को चहुं ओर फैले हैं !
अंधविश्वास बढ़ा के झमेलों में उलझा लोगों के जीवन से खेले हैं !!

युवाओं को जुए सट्टे नशे पत्ते में उलझा पंगु बनाया जा रहा !
एकाध क्रांति की सोच भी ले, तो भी कोई साथ न आ रहा !!
-आवेश हिन्दुस्तानी 20.08.2024

©Ashok Mangal

अधिकांश देशवासियों को महंगाई बेरोजगारी सता रही है ! जो इससे बच पाये हैं उनके समय की बरबादी की जा रही है !! अनचाहे फोन दिन भर सताते हैं ! चैन से दो मिनट भी हम जी नहीं पाते हैं !! साइबर क्राइम का खतरा भी मंडरा रहा है ! बैंक वाला भी फोन करने से बाज नहीं आ रहा है !! कानूनी बदलाव यू ट्यूब पर दिन रात आते हैं ! यू ट्यूब शीर्षक मजकूर से मेल ही नहीं खाते हैं !! केवाईसी बार बार लिया जाता है ! डाटा लीक करके बेच दिया जाता है !! जब कभी ये साइबर क्रिमिनल के हाथ लग जाता है ! वो फोन पे लीक डाटा के सहारे विश्वास जुटा, ठगता जाता है !! साइबर क्रिमिनल को हजारों सिम बेचे जाते हैं ! सच्चे ग्राहकों से फोन वाले बार बार केवाईसी जुटाते है !! कुत्तों के काटने की लाखों घटनाओं का आंकड़ा न थमता है ! सड़क पे छोड़ो, सोसाइटी में चहलकदमी में भी डर लगता है !! कैंसर कारक पदार्थ धड्डले से बेचे जा रहे है ! जानलेवा बीमारी में हम अपने अजीजों को गंवा रहे हैं !! पदपथ अतिक्रमित है हफ्तों की वसूली के कारण ! बाज़ार पैदल जाने में भी समय व्यर्थ होता है इसी कारण !! गाड़ी से जायें तो ट्रैफिक जाम समय खाता है ! इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता जाता है !! सारांश ये है कि हम काम करने की शक्ति घटा रहे हैं !! अस्सी करोड़ को थमाया, और बीस तीस करोड़ को थमाना चाह रहे हैं !! आजादी हाथ में कटोरे के लिए नहीं जुटाई गई है ! बलिदानियों के खून से सिंची आजादी स्वाभिमान के लिए पाई है !! नई पीढ़ी मोबाइल जुए सट्टे नशे पत्ते अपराध से बच नहीं पा रही ! पुरानी पीढ़ी की हिम्मत जवाब दिए जा रही !! राजनेताओं का जन ज्वलंत प्रश्नों से सरोकार ही नहीं ! देश का भविष्य चक्रव्यूह में न फंसे, ऐसी मंशावाली कोई सरकार नहीं !! आवेश हिन्दुस्तानी 03.08.2024 ©Ashok Mangal

#कविता #JanMannKiBaat #AaveshVaani #Freedom #leaders  अधिकांश देशवासियों को महंगाई बेरोजगारी सता रही है !
जो इससे बच पाये हैं उनके समय की बरबादी की जा रही है !!

अनचाहे फोन दिन भर सताते हैं !
चैन से दो मिनट भी हम जी नहीं पाते हैं !! 

साइबर क्राइम का खतरा भी मंडरा रहा है !
बैंक वाला भी फोन करने से बाज नहीं आ रहा है !!

कानूनी बदलाव यू ट्यूब पर दिन रात आते हैं !
यू ट्यूब शीर्षक मजकूर से मेल ही नहीं खाते हैं !!

केवाईसी बार बार लिया जाता है !
डाटा लीक करके बेच दिया जाता है !!

जब कभी ये साइबर क्रिमिनल के हाथ लग जाता है !
वो फोन पे लीक डाटा के सहारे विश्वास जुटा, ठगता जाता है !!

साइबर क्रिमिनल को हजारों सिम बेचे जाते हैं !
सच्चे ग्राहकों से फोन वाले बार बार केवाईसी जुटाते है !!

कुत्तों के काटने की लाखों घटनाओं का आंकड़ा न थमता है !
सड़क पे छोड़ो, सोसाइटी में चहलकदमी में भी डर लगता है !!

कैंसर कारक पदार्थ धड्डले से बेचे जा रहे है !
जानलेवा बीमारी में हम अपने अजीजों को गंवा रहे हैं !!

पदपथ अतिक्रमित है हफ्तों की वसूली के कारण !
बाज़ार पैदल जाने में भी समय व्यर्थ होता है इसी कारण !!

गाड़ी से जायें तो ट्रैफिक जाम समय खाता है !
इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता जाता है !!

सारांश ये है कि हम काम करने की शक्ति घटा रहे हैं !!
अस्सी करोड़ को थमाया, और बीस तीस करोड़ को थमाना चाह रहे हैं !!

आजादी हाथ में कटोरे के लिए नहीं जुटाई गई है !
बलिदानियों के खून से सिंची आजादी स्वाभिमान के लिए पाई है !!

नई पीढ़ी मोबाइल जुए सट्टे नशे पत्ते अपराध से बच नहीं पा रही !
पुरानी पीढ़ी की हिम्मत जवाब दिए जा रही !!

राजनेताओं का जन ज्वलंत प्रश्नों से सरोकार ही नहीं !
देश का भविष्य चक्रव्यूह में न फंसे, ऐसी मंशावाली कोई सरकार नहीं !!
आवेश हिन्दुस्तानी 03.08.2024

©Ashok Mangal

आज का युग और बुजुर्ग बुजुर्गो की अनदेखी आज ज्वलंत समस्या है ! जाने अनजाने में ये बहुतांश घरों में घड़ता है !! नई पीढ़ी भी आज के बढ़ते तनाव में जी रही है ! बुजुर्गों से सीख लेने की मानसिकता ही नहीं है !! तजुर्बा दुनियां के है हर ज्ञान विज्ञान से ऊपर है ! कंप्यूटर ज्ञान में नई पीढ़ी बुजुर्गों से ऊपर है !! बुजुर्गों को ये मानने में ज़रा भी परहेज नहीं है ! मगर नई पीढ़ी तजुर्बे को तरजीह ही न दे रही है !! तजुर्बे से महरूम युवाओं का तनाव बढ़ता है ! बुजुर्ग आखिर वृद्धाश्रम की ओर चल पड़ता है !! बुजुर्ग को कमाने की लालसा नहीं है ! इसी लालसा में सारी जिंदगी जी ही ली है !! अब उम्र के इस पड़ाव पर है सुकून की ही लालसा ! आदर भरा वार्तालाप सुकून की बारिश कर सकता !! युवा पीढ़ी अनादर करने में कोई कसर न छोड़ती ! यहीं से एकल परिवार की नींव घर घर में पड़ती !! एकल परिवार तनाव कम करने ऐवजी बढ़ाता है ! अफ़सोस युवा इत्ती सी बात समझ नहीं पाता है !! अग्रजों ने भी युवाओं को बिगाड़ने के आयाम रचे है ! तनाव में वो ज्यादा है जो बिगड़ने से बचे हैं !! अग्रजों को ईमान की कदर नहीं है ! क्योंकि उनमें अधिकतर चोर उच्चके ही है !! संभवत: कलयुग के अंतिम दौर में ही पहुंच रही है ये दुनिया ! सदियों में बनी प्रलय प्रकोप से पलों में विध्वंस्त हो सकती दुनिया !! - आवेश हिन्दुस्तानी 02.08.2024 ©Ashok Mangal

#कविता #JanMannKiBaat #AaveshVaani #oldage #youth  आज का युग और बुजुर्ग

बुजुर्गो की अनदेखी आज ज्वलंत समस्या है !
जाने अनजाने में ये बहुतांश घरों में घड़ता है !!

नई पीढ़ी भी आज के बढ़ते तनाव में जी रही है !
बुजुर्गों से सीख लेने की मानसिकता ही नहीं है !!

तजुर्बा दुनियां के है हर ज्ञान विज्ञान से ऊपर है !
कंप्यूटर ज्ञान में नई पीढ़ी बुजुर्गों से ऊपर है !!

बुजुर्गों को ये मानने में ज़रा भी परहेज नहीं है !
मगर नई पीढ़ी तजुर्बे को तरजीह ही न दे रही है !!

तजुर्बे से महरूम युवाओं का तनाव बढ़ता है !
बुजुर्ग आखिर वृद्धाश्रम की ओर चल पड़ता है !!

बुजुर्ग को कमाने की लालसा नहीं है !
इसी लालसा में सारी जिंदगी जी ही ली है !!

अब उम्र के इस पड़ाव पर है सुकून की ही लालसा !
आदर भरा वार्तालाप सुकून की बारिश कर सकता !!

युवा पीढ़ी अनादर करने में कोई कसर न छोड़ती !
यहीं से एकल परिवार की नींव घर घर में पड़ती !!

एकल परिवार तनाव कम करने ऐवजी बढ़ाता है !
अफ़सोस युवा इत्ती सी बात समझ नहीं पाता है !!

अग्रजों ने भी युवाओं को बिगाड़ने के आयाम रचे है !
तनाव में वो ज्यादा है जो बिगड़ने से बचे हैं !!

अग्रजों को ईमान की कदर नहीं है !
क्योंकि उनमें अधिकतर चोर उच्चके ही है !!

संभवत: कलयुग के अंतिम दौर में ही पहुंच रही है ये दुनिया !
सदियों में बनी प्रलय प्रकोप से पलों में विध्वंस्त हो सकती दुनिया !!

- आवेश हिन्दुस्तानी 02.08.2024

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स्वच्छ सात्विक शुद्ध व समय से भोजन !, आदतों में परिवर्तन, बीमारियों से दूर रोगमुक्त जीवन !! 1. गेहूं का आटा, सफेद नमक, सफेद शक्कर, रिफाइन तेल, प्रेशर कूकर के बदले ज्वार बाजरे नाचनी का आटा, सेंधा नमक, गुड, घाणी तेल तिल नारियल सरसों राई ( सूर्यमुखी सोयाबीन छोड़कर), माटी की हांडी में पकाएं । 2. नाभि में रोज रात दो बूंद नारियल तेल, नासिका और बीसों नाखूनों पर लगाओ। 3. प्लास्टिक हटाओ- खाने की वस्तुएं लाने, रखने और खाने के बर्तनों से, इनके बजाय स्टेनलेस स्टील या कांच इस्तेमाल करें । 4. खाना सुबह 8 से शाम 6 तक ही खाएं, रात को 14 घंटे उसे पचाने के लिए रहे । 5. सुबह जल्दी उठें, स्नान करके प्रभु का ध्यान करें, अनमोल जीवन तनाव मुक्त बनाएं, जीवन का असली आनन्द पाएं । - आवेश हिंदुस्तानी 30.07.2024 ©Ashok Mangal

#विचार #JanMannKiBaat #AaveshVaani #NatureLove  स्वच्छ सात्विक शुद्ध  व समय से भोजन !, 
आदतों में परिवर्तन, बीमारियों से दूर रोगमुक्त जीवन !!

1. गेहूं का आटा, सफेद नमक, सफेद शक्कर, 
रिफाइन तेल, प्रेशर कूकर 
के बदले ज्वार बाजरे नाचनी का आटा, 
सेंधा नमक, गुड, घाणी तेल तिल नारियल सरसों राई 
( सूर्यमुखी सोयाबीन छोड़कर), माटी की हांडी में पकाएं ।

2. नाभि में रोज रात दो बूंद नारियल तेल, 
नासिका और बीसों नाखूनों पर लगाओ।

3. प्लास्टिक हटाओ- खाने की वस्तुएं लाने, 
रखने और खाने के बर्तनों से, 
इनके बजाय स्टेनलेस स्टील या कांच इस्तेमाल करें ।

4. खाना सुबह 8 से शाम 6 तक ही खाएं, 
रात को 14 घंटे उसे पचाने के लिए रहे ।

5. सुबह जल्दी उठें, स्नान करके प्रभु का ध्यान करें, 
अनमोल जीवन तनाव मुक्त बनाएं, 
जीवन का असली आनन्द पाएं ।

- आवेश हिंदुस्तानी 30.07.2024

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