तक रहा हूं दूर से उसको, मैं और क्या कर सकता हूं। य | हिंदी Sad

"तक रहा हूं दूर से उसको, मैं और क्या कर सकता हूं। ये चंद आंखों की बूंदों से, कौन सा दरिया भर सकता हूं। ये रात बहुत लंबी है, अंधेरे से डर सकता हूं। तुमने तो बस ज़ख्म दिया, नासूर ख़ुद कर सकता हुं। इलाज मेरा अब मुमकिन नहीं, ये घाव नही भर सकता हूं। छोड़ो जाने दो हाल मेरा, आपके लिए क्या कर सकता हूं?"

 तक रहा हूं दूर से उसको,
मैं और क्या कर सकता हूं।
ये चंद आंखों की बूंदों से,
कौन सा दरिया भर सकता हूं।
ये रात बहुत लंबी है,
अंधेरे से डर सकता हूं।
तुमने तो बस ज़ख्म दिया,
नासूर  ख़ुद कर सकता हुं।
इलाज मेरा अब मुमकिन नहीं,
ये घाव नही भर सकता हूं।
छोड़ो जाने दो हाल मेरा,
आपके लिए क्या कर सकता हूं?

तक रहा हूं दूर से उसको, मैं और क्या कर सकता हूं। ये चंद आंखों की बूंदों से, कौन सा दरिया भर सकता हूं। ये रात बहुत लंबी है, अंधेरे से डर सकता हूं। तुमने तो बस ज़ख्म दिया, नासूर ख़ुद कर सकता हुं। इलाज मेरा अब मुमकिन नहीं, ये घाव नही भर सकता हूं। छोड़ो जाने दो हाल मेरा, आपके लिए क्या कर सकता हूं?

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