अब मरने भी लगा तो पानी नहीं मांगूंगा।
तू हुस्न भी ले आ, जवानी नहीं मांगूंगा।
मैं खुश हूं अपनी दास्तां ए गज़ल से।
तुझसे मैं हमारी कहानी नहीं मांगूंगा।
कि तेरी चाहत, तेरी यादों में जिंदगी बिता दूंगा।
तुझे भूलने को मैं बचपन - नादानी नहीं मांगूंगा
तक रहा हूं दूर से उसको,
मैं और क्या कर सकता हूं।
ये चंद आंखों की बूंदों से,
कौन सा दरिया भर सकता हूं।
ये रात बहुत लंबी है,
अंधेरे से डर सकता हूं।
तुमने तो बस ज़ख्म दिया,
नासूर ख़ुद कर सकता हुं।
इलाज मेरा अब मुमकिन नहीं,
ये घाव नही भर सकता हूं।
छोड़ो जाने दो हाल मेरा,
आपके लिए क्या कर सकता हूं?
It's just that,
I'm tracing the steps
On the path we walked together.
Hoping to meet you at some point.
But I know it's no longer our journey.
But mere a path of memories.
That's how stupid I am.
Perhaps, that's what love is!
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