जो भी लिखा दिल से लिखा कभी दिमाग से नहीं लिखता मैं | हिंदी Shayari

"जो भी लिखा दिल से लिखा कभी दिमाग से नहीं लिखता मैं अपनी जिंदगी के जज्बात लिखे कभी किसी किताब से नहीं लिखता मैं मेरे मिश्रों में खुबसुरती कम और सादगी ज्यादा मिलेगी मैने उसका दिल पढ़ा है कभी उसके चेहरे के हिसाब नहीं लिखता मैं ©Amit Verma"

 जो भी लिखा दिल से लिखा कभी दिमाग से नहीं लिखता मैं 
अपनी जिंदगी के जज्बात लिखे कभी किसी किताब से नहीं लिखता मैं

मेरे मिश्रों में खुबसुरती कम और सादगी ज्यादा मिलेगी 
मैने उसका दिल पढ़ा है कभी उसके चेहरे के हिसाब नहीं लिखता मैं

©Amit Verma

जो भी लिखा दिल से लिखा कभी दिमाग से नहीं लिखता मैं अपनी जिंदगी के जज्बात लिखे कभी किसी किताब से नहीं लिखता मैं मेरे मिश्रों में खुबसुरती कम और सादगी ज्यादा मिलेगी मैने उसका दिल पढ़ा है कभी उसके चेहरे के हिसाब नहीं लिखता मैं ©Amit Verma

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