पुरानी बातों को चलो फिर से जगाते हैं
छुपकर फिर ताश की बाजी सजाते हैं
घाटपर दोस्तों की महफिल बुलाते हैं
फिर से एक दूसरे का मजाक बनाते हैं
फिर से एक बार खुलकर मुस्कुराते हैं
किसी बड़े मैदान में नहीं उसी आंगन में
एक बार फिर से Cricket Bat उठाते हैं
©kartavay
#Friendship