यूं ही मुफ़्त में किसी का हुआ नहीं जाता,,, हुनर च | हिंदी शायरी
"यूं ही मुफ़्त में किसी का हुआ नहीं जाता,,,
हुनर चाहिए खुद को मिटाने का ।
मिल जाते हैं राह में ऐसे ख़ुदग़र्ज़ भी,,,,
हंसकर कर देखते हैं तमाशा उसी की बरबादी का ।"
यूं ही मुफ़्त में किसी का हुआ नहीं जाता,,,
हुनर चाहिए खुद को मिटाने का ।
मिल जाते हैं राह में ऐसे ख़ुदग़र्ज़ भी,,,,
हंसकर कर देखते हैं तमाशा उसी की बरबादी का ।