सायद आपको भगवान इसलिए
अकेला दुनिया में भेजता है।
ताकि जन्म से हीं आपको
यह सीख दे सकें,कि
आज के बाद हर चोट,
हर गम, हर दर्द
अकेले ही झेलना है।
हाँ कुछ अपने होंगे,
जो बाहर से जख्मों पर मलहम लगाएं
मगर वह दर्द की चुभनअकेले हीं सहना है।
और फिर एक दीन,
अकेले ही इस दुनिया से...
लोट जाना है।
©Writer Pompy Sutradhar