चाहत के हर दिन मोह्हबत की हर रात चाहता हूं, दिल मे | हिंदी शायरी
"चाहत के हर दिन
मोह्हबत की हर रात चाहता हूं,
दिल मे तो हैं कई बात
उन बातों के लिए एक मुलाक़ात चाहता हूँ।
चाहत ने जलाई ऐसी तलब की
ढ़लते बसंत में मैं
चढ़ती बरसात चाहता हूं।।💞"
चाहत के हर दिन
मोह्हबत की हर रात चाहता हूं,
दिल मे तो हैं कई बात
उन बातों के लिए एक मुलाक़ात चाहता हूँ।
चाहत ने जलाई ऐसी तलब की
ढ़लते बसंत में मैं
चढ़ती बरसात चाहता हूं।।💞