White एक पुरुष समाज,
स्त्री को किस नजरिए से देख सकता होगा?
फ़िर गला काटते हाथ
जब आंख धुलने जाते हैं।
उस खून को बनते देखा?
कोई त्यौहार,
कोई हँसी,
कोई दर्द,
कोई दुलार,
कोई समाज.............
पुरुष सोंचता है
ये उसकी बनाई दुनियां है,,!
जिसकी रचना औरत करती है
खुद को मिटा कर🙏🏻❤️🙏🏻
त्यौहार में मां के गले लगे हो कभी😌
©Ram Yadav
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