आज कल लोगो को खुद पर विश्वास ही न राह जनाब,
राह चलते से अपनी मंजिल का पता पूछते हैं,
इस दिल की तो सुनना दूर अपनो की भी नही सुनते है,
मंजिल पाने की चाह में अपने आप को ही खो दिया करते हैं,
ऐसा भी क्या मंजिल पाना जनाब जिसे पा कर अपनो को ही खो दिया करते हैं।
"पंडित के जस्बात"
#Fire