poetry for IITDelhi
#RDV18 #भारत #part2
हिस्सों से, हर किस्सों से आती है बू अब गंधी सी,
कहाँ गयी तस्वीर बनी थी, अहिंसा के संधि की,
नंगे भूखे आज भी हैं, इस देश के बच्चे सड़को पर,
गांगा माँ को आज शर्म है, देखो अपने लड़कों पर,
अब तो बस है ख़ून खौलता, पाकिस्तान के नारों पर,
पूरा जोश दिखाते हैं हम, सोशल मीडिया की दीवारों पर,