जीत का जश्न हो या शहादातों की पीड़ा . . . खुशी के | हिंदी विचार

"जीत का जश्न हो या शहादातों की पीड़ा . . . खुशी के आंसू हो या खोने का दर्द . . . धन्य हो तुम ए-जवान ! यह भारतभूमि आज भी उनके शौर्य की कहानियां रो रो कर सुनाती है ।। हार जीत से परे, यह बलिदान मांगती है न पड़े किसी के खून के छीटें, ऐसा वरदान मांगती है। 👏👏 ©Rakesh Singh Sidar"

 जीत का जश्न हो
या शहादातों की पीड़ा . . .

खुशी के आंसू हो
या खोने का दर्द . . .

धन्य हो तुम ए-जवान !


यह भारतभूमि आज भी उनके शौर्य की कहानियां
रो रो कर सुनाती है ।।
 
हार जीत से परे, यह बलिदान मांगती है
न पड़े किसी के खून के छीटें, 
ऐसा वरदान मांगती है। 
👏👏

©Rakesh Singh Sidar

जीत का जश्न हो या शहादातों की पीड़ा . . . खुशी के आंसू हो या खोने का दर्द . . . धन्य हो तुम ए-जवान ! यह भारतभूमि आज भी उनके शौर्य की कहानियां रो रो कर सुनाती है ।। हार जीत से परे, यह बलिदान मांगती है न पड़े किसी के खून के छीटें, ऐसा वरदान मांगती है। 👏👏 ©Rakesh Singh Sidar

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