भारत एक पितृहंता देश है जिसने पैदा होते ही अपने पिता की हत्या कर दी, फिर भी हम भाग्यशाली थे कि उस वक्त इसकी औलादें इतनी निर्लज्ज, नाकारा और हत्यारी नहीं थी इसलिए 70 साल जैसे तैसे कट गए मगर आज वो बात नहीं है उस हत्यारे की समर्थक विचार धारा आज सत्ता में है, आज उसकी सोच से इत्तेफाक रखने वाले पूजे जा रहे हैं, जिसने अपने बाप की ही हत्या की हो वो छोटी मोटी चीजों की परवाह क्यों करेगा?? राष्ट्र पिता का पसंदीदा गाना "abide With me" इस साल ड्रॉप कर दिया गया, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और उड़ीसा की झांकियों को गृह मंत्रालय से अप्रूवल नहीं मिला, इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति बुझा दी गई जब अपनी रेखा लंबी ना खींच सको तो दूसरे की खींची लकीर मिटा दो...
©ऋषभ राज
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