ऋषभ राज

ऋषभ राज Lives in Delhi, Delhi, India

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हम पांचवे दिन फूंक देंगे मणिकार्णिका पर लाश खुद अपनी बस चार दिन की जिंदगी में अस्सी की आरती में साथ तुम दे दो.... ©ऋषभ राज

#लव  हम पांचवे दिन फूंक देंगे मणिकार्णिका पर लाश खुद अपनी 
बस चार दिन की जिंदगी में अस्सी की आरती में साथ तुम दे दो....

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हम पांचवे दिन फूंक देंगे मणिकार्णिका पर लाश खुद अपनी बस चार दिन की जिंदगी में अस्सी की आरती में साथ तुम दे दो.... ©ऋषभ राज

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पंछी ________________ ईश्वर ने आकाश बनाया और इसे पंछियों के भरोसे छोड़ कर सुस्ताने चला गया.... वह नहीं जानता था कि मनुष्य पंछियों को पिंजरे में कैद कर लेगा.... और आकाश में हवाई जहाज़ उड़ाएगा.... ________________ ©ऋषभ राज

#विचार #पंछी  पंछी ________________

ईश्वर ने आकाश बनाया और इसे पंछियों के भरोसे छोड़ कर सुस्ताने चला गया.... 
वह नहीं जानता था कि मनुष्य पंछियों को पिंजरे में कैद कर लेगा....  और आकाश में हवाई जहाज़ उड़ाएगा....

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#ज़िन्दगी  "कुछ नदियाँ आईना देखने निकलती हैं... और फिर कभी नहीं लौटतीं...  इन्हीं खोई हुई आत्ममुग्ध नदियों को...  तुम्हारा ये संसार समंदर कहता है"

©ऋषभ राज

"कुछ नदियाँ आईना देखने निकलती हैं... और फिर कभी नहीं लौटतीं... इन्हीं खोई हुई आत्ममुग्ध नदियों को... तुम्हारा ये संसार समंदर कहता है" ©ऋषभ राज

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जिस संविधान ने आपको अपना संरक्षक चुना, जिस संविधान ने आपको ये शक्ति दी कि बड़े से बड़ा मंत्री, प्रधान मंत्री को भी आपके बुलाने पर आना होगा आपने उसकी लाज नहीं रखी...ना ही अपने शपथ की लाज रखी.... आप झुक गए सत्ता की शक्ति के आगे आपको कोई ऐसा फैसला लिखना चाहिए था जो आने वाली पीढ़ी के लिए नजीर बन सकती थी मगर आपने इस विश्वास को बल दिया कि अगर बाप मंत्री हो तो बेटा 4 5 हत्या करके भी छूट सकता है... आपको जिन आँखों की दृष्टि बननी थी आपने उसमे तेजाब भर दिया.... #भारत की बिकी हुई न्यायपालिका ©ऋषभ राज

#JusticeAndRevenge #विचार #भारत  जिस संविधान ने आपको अपना संरक्षक चुना, जिस संविधान ने आपको ये शक्ति दी कि बड़े से बड़ा मंत्री, प्रधान मंत्री को भी आपके बुलाने पर आना होगा आपने उसकी लाज नहीं रखी...ना ही अपने शपथ की लाज रखी.... आप झुक गए सत्ता की शक्ति के आगे आपको कोई ऐसा फैसला लिखना चाहिए था जो आने वाली पीढ़ी के लिए नजीर बन सकती थी मगर आपने इस विश्वास को बल दिया कि अगर बाप मंत्री हो तो बेटा 4 5 हत्या करके भी छूट सकता है... आपको जिन आँखों की दृष्टि बननी थी आपने उसमे तेजाब भर दिया....

#भारत की बिकी हुई न्यायपालिका

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मेरी आवाज़ हे मेरी पहचान है Lata Mangeshkar had won multiple awards in her singing career. She won BharatRatna in 2001, PadmaVibhushan in 1999 and Dada Saheb Phalke Award in 1989. She started acting in her father’s musical plays at the age of five Rest in Peace legendary #LataMangeshkar ji ©ऋषभ राज

#ज़िन्दगी #LataMangeshkar #latamangeskar  मेरी आवाज़ हे मेरी पहचान है  Lata Mangeshkar had won multiple awards in her singing career. She won BharatRatna in 2001, PadmaVibhushan in 1999 and Dada Saheb Phalke Award in 1989. She started acting in her father’s musical plays at the age of five

Rest in Peace legendary #LataMangeshkar ji

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भारत एक पितृहंता देश है जिसने पैदा होते ही अपने पिता की हत्या कर दी, फिर भी हम भाग्यशाली थे कि उस वक्त इसकी औलादें इतनी निर्लज्ज, नाकारा और हत्यारी नहीं थी इसलिए 70 साल जैसे तैसे कट गए मगर आज वो बात नहीं है उस हत्यारे की समर्थक विचार धारा आज सत्ता में है, आज उसकी सोच से इत्तेफाक रखने वाले पूजे जा रहे हैं, जिसने अपने बाप की ही हत्या की हो वो छोटी मोटी चीजों की परवाह क्यों करेगा?? राष्ट्र पिता का पसंदीदा गाना "abide With me" इस साल ड्रॉप कर दिया गया, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और उड़ीसा की झांकियों को गृह मंत्रालय से अप्रूवल नहीं मिला, इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति बुझा दी गई जब अपनी रेखा लंबी ना खींच सको तो दूसरे की खींची लकीर मिटा दो... ©ऋषभ राज

#पौराणिककथा #RepublicDay  भारत एक पितृहंता देश है जिसने पैदा होते ही अपने पिता की हत्या कर दी, फिर भी हम भाग्यशाली थे कि उस वक्त इसकी औलादें इतनी निर्लज्ज, नाकारा और हत्यारी नहीं थी इसलिए 70 साल जैसे तैसे कट गए मगर आज वो बात नहीं है उस हत्यारे की समर्थक विचार धारा आज सत्ता में है, आज उसकी सोच से इत्तेफाक रखने वाले पूजे जा रहे हैं, जिसने अपने बाप की ही हत्या की हो वो छोटी मोटी चीजों की परवाह क्यों करेगा?? राष्ट्र पिता का पसंदीदा गाना "abide With me" इस साल ड्रॉप कर दिया गया, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और उड़ीसा की झांकियों को गृह मंत्रालय से अप्रूवल नहीं मिला, इंडिया गेट की अमर जवान ज्योति बुझा दी गई जब अपनी रेखा लंबी ना खींच सको तो दूसरे की खींची लकीर मिटा दो...

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