जिस संविधान ने आपको अपना संरक्षक चुना, जिस संविधान ने आपको ये शक्ति दी कि बड़े से बड़ा मंत्री, प्रधान मंत्री को भी आपके बुलाने पर आना होगा आपने उसकी लाज नहीं रखी...ना ही अपने शपथ की लाज रखी.... आप झुक गए सत्ता की शक्ति के आगे आपको कोई ऐसा फैसला लिखना चाहिए था जो आने वाली पीढ़ी के लिए नजीर बन सकती थी मगर आपने इस विश्वास को बल दिया कि अगर बाप मंत्री हो तो बेटा 4 5 हत्या करके भी छूट सकता है... आपको जिन आँखों की दृष्टि बननी थी आपने उसमे तेजाब भर दिया....
#भारत की बिकी हुई न्यायपालिका
©ऋषभ राज
#JusticeAndRevenge