रात की चादर में लिपटी एक छोटी सी कहानी थी। एक छोटे से गाँव की बच्ची नायरा, जिसकी मुसीबतें बड़ी हो गई थीं। उसके माता-पिता को एक दुर्घटना में खो देने के बाद, नायरा अपने आंसुओं में बह रही थी।
गाँववाले उसे अपने साथ रहने का प्यार दे रहे थे, पर उसका दिल था अब टूटा हुआ। अकेले पलों में, वह एक पुरानी लाइब्रेरी में खोई रहती थी, जहां वह हर किताब के पन्नों में अपने आंसुओं को छोड़ देती थी।
एक दिन, गाँव का एक युवक आराध्य उसकी ज़िंदगी में आया, और उसकी तन्हाई को बटोरकर उसे देखा। आराध्य ने नायरा को नए सपनों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उसके दिल को नई आशा की राह पर लेकर गया।
इस छोटी सी कहानी में, नायरा ने अपने दुखों को आत्मनिर्भरता और प्रेम में बदल दिया, जिसने उसे नए संभावनाओं की ओर बढ़ने की राह दिखाई।
©Arvind Kumar Pandey
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