"Mantri Ji लोकपाल फले फूले पल जाए
ऐसा एक महाबिगुल बजा था
अब जाने किस पाताल में
लोकपाल को पलायन करवा दिया
पहले बहुत पठन पाठन हुआ
खूब ज़ोरों से महिमा मंडन भी
पर अब लापता लोकपाल का
चर्चा करना भी जैसे पाप है
वैसे हमारे प्रिय जनसेवक जी
जाने क्या क्या पाल बैठते हैं
बस एक यह लोकपाल है
जो पाले नही पलता है
डर है यह पल गया तो
तो सबको पाला ना मार जाए
बेवजह पाला क्यों पड़वाए
इसलिए लोकपाल से
पल्ला ही झाड़ लिया है
©अदनासा-
"