प्यार किसे कहते हैं!
बेजुबान थे, जब हम!
अपने हर दर्द से अंजान थे, हम!
तब गोदी में उठाकर घंटों हमें सहलाती!
हमारे आंसुओं को देखते ही!
हमारे हर दर्द से वाकिफ वो हों जाती!
हमारी हर तड़प को देखकर!
रूह जिसकी सबसे पहले कांप उठती हैं!
रब भी चाहें तो नहीं कर सकता!
उसके प्यार की तुलना!
मां हैं, वों!
जो शिद्दतो से भरा सच्चा प्यार हमें वो करतीं हैं!
प्यार उसे कहते हैं!
थक हार कर अपने शरीर को चूर कर!
जब घर वो वापस आते हैं!
एक गिलास पानी भी नहीं पिया!
और अपने लाडलो की!
ढेरों शिकायतें सुनने वो बैठ जाते!
पापा हैं, वो!
जो अपनी जान हम पर छिड़कते हैं!!💕
–Tanu's Diary....✍️
#प्यारकिसेकहतेहैं💕✍️