जन्म से नहीं मनुष्य कर्म से महान होता है। कर्म वो | हिंदी विचार

"जन्म से नहीं मनुष्य कर्म से महान होता है। कर्म वो जो कम-से-कम एक व्यक्ति की भला हो। हर रोज हम कुछ ना कुछ ऐसे काम करते हैं जो हमारे दिनचर्या से हटकर होता है। इनमें कुछ अच्छे और कुछ हमारे अनचाहे कर्म भी होता है। अच्छे कर्म हमें प्रफुल्लित करते हैं। अनचाहे कर्म हमारे अन्तर आत्मा को बेचेन करता है। जो कर्म करने के लिए आप को आप की अंतरात्मा अनुमति ना दे उसे ना करें। इसमें आपका और पुरे समाज का भला होगा। ©Tafizul Sambalpuri"

 जन्म से नहीं मनुष्य कर्म से महान होता है। कर्म वो जो कम-से-कम एक व्यक्ति की भला हो। हर रोज हम कुछ ना कुछ ऐसे काम करते हैं जो हमारे दिनचर्या से हटकर होता है। इनमें कुछ अच्छे और कुछ हमारे अनचाहे कर्म भी होता है। अच्छे कर्म हमें प्रफुल्लित करते हैं। अनचाहे कर्म हमारे अन्तर आत्मा को बेचेन करता है। 
जो कर्म करने के लिए आप को आप की अंतरात्मा अनुमति ना दे उसे ना करें। इसमें आपका और पुरे समाज का भला होगा।

©Tafizul Sambalpuri

जन्म से नहीं मनुष्य कर्म से महान होता है। कर्म वो जो कम-से-कम एक व्यक्ति की भला हो। हर रोज हम कुछ ना कुछ ऐसे काम करते हैं जो हमारे दिनचर्या से हटकर होता है। इनमें कुछ अच्छे और कुछ हमारे अनचाहे कर्म भी होता है। अच्छे कर्म हमें प्रफुल्लित करते हैं। अनचाहे कर्म हमारे अन्तर आत्मा को बेचेन करता है। जो कर्म करने के लिए आप को आप की अंतरात्मा अनुमति ना दे उसे ना करें। इसमें आपका और पुरे समाज का भला होगा। ©Tafizul Sambalpuri

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