जो मौन रहे इतिहास में वो कायर कहलाए।
हो चाहे बड़े धनुर्धर वो चाहे भीष्म कहलाए।।
द्रोपदी के चीरहरण पर कृष्ण स्वयं ही आए।
सुसभ्य राजसभा मगर कुल लाज बचा न पाए।।
मूक दर्शक होकर सबके सब भागी होते जाते है।
नाश यूंही नही होता उसके बीज बोए जाते है।।
देव
©dev merutha
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