रोते रोते मुस्कुराते का हुनर है मुझमें, हँसते हँसत | हिंदी कविता Video

"रोते रोते मुस्कुराते का हुनर है मुझमें, हँसते हँसते गम छुपाने का हुनर है मुझमें। तुम चाहे कितनी भी बार कोशिश कर लो तोड़ने को मुझको, हर बार पहले से मजबूत होकर सामना करने की हिम्मत है मुझमें। मचा लो शोर तुम्हें जितना मचाना है, पर, उस शोर को दबाना अच्छे से आता है मुझे। जितना जी चाहो कुरेद लो मेरे जख़्मों को, मगर, मुझे भी अब जख़्म के साथ जीना है आता। तुम लाख तमाशा बनाना चाहो मेरी मुहब्बत का, पर जान लो, मुझे भी ख़ामोशी से रहना है आता। जितनी चाहे ओछी हरकत कर लो तुम मेरे साथ, मगर, याद रखना तुम्हारे हर बात का जबाव देना आता है मुझे। तुम जितना चाहे परेशान करके देख लो मुझे, सीखा है मैंने विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना। ©नेहा ईश्वर "

रोते रोते मुस्कुराते का हुनर है मुझमें, हँसते हँसते गम छुपाने का हुनर है मुझमें। तुम चाहे कितनी भी बार कोशिश कर लो तोड़ने को मुझको, हर बार पहले से मजबूत होकर सामना करने की हिम्मत है मुझमें। मचा लो शोर तुम्हें जितना मचाना है, पर, उस शोर को दबाना अच्छे से आता है मुझे। जितना जी चाहो कुरेद लो मेरे जख़्मों को, मगर, मुझे भी अब जख़्म के साथ जीना है आता। तुम लाख तमाशा बनाना चाहो मेरी मुहब्बत का, पर जान लो, मुझे भी ख़ामोशी से रहना है आता। जितनी चाहे ओछी हरकत कर लो तुम मेरे साथ, मगर, याद रखना तुम्हारे हर बात का जबाव देना आता है मुझे। तुम जितना चाहे परेशान करके देख लो मुझे, सीखा है मैंने विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना। ©नेहा ईश्वर

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