नेहा ईश्वर

नेहा ईश्वर

आवाज़ बुलंद नहीं हौसला बुलंद होनी चाहिए ताकि धीमी आवाज़ भी एक दिन बुलंदी तक पहुँच सके।

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#शायरी  कहने को कितनी बातें हैं,
मगर सुनने वाला है कहाँ कोई? 
करने को कितना कुछ है,
मगर अब हिम्मत बची कहाँ?
चलने को बहुत दूर तक है अभी,
मगर अब हौंसला है कहाँ?
सपने को देखने के लिए बहुत हैं,
मगर अब आँखों में नींद कहाँ?

©नेहा ईश्वर

कहने को कितनी बातें हैं, मगर सुनने वाला है कहाँ कोई? करने को कितना कुछ है, मगर अब हिम्मत बची कहाँ? चलने को बहुत दूर तक है अभी, मगर अब हौंसला है कहाँ? सपने को देखने के लिए बहुत हैं, मगर अब आँखों में नींद कहाँ? ©नेहा ईश्वर

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#कविता  रोते रोते मुस्कुराते का हुनर है मुझमें,
हँसते हँसते गम छुपाने का हुनर है मुझमें।

तुम चाहे कितनी भी बार कोशिश कर लो तोड़ने को मुझको,
हर बार पहले से मजबूत होकर सामना करने की हिम्मत है मुझमें।

मचा लो शोर तुम्हें जितना मचाना है,
पर, उस शोर को दबाना अच्छे से आता है मुझे।

जितना जी चाहो कुरेद लो मेरे जख़्मों को,
मगर, मुझे भी अब जख़्म के साथ जीना है आता।

तुम लाख तमाशा बनाना चाहो मेरी मुहब्बत का,
पर जान लो, मुझे भी ख़ामोशी से रहना है आता।

जितनी चाहे ओछी हरकत कर लो तुम मेरे साथ, 
मगर, याद रखना तुम्हारे हर बात का जबाव देना आता है मुझे।

तुम जितना चाहे परेशान करके देख लो मुझे,
सीखा है मैंने विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना।

©नेहा ईश्वर

रोते रोते मुस्कुराते का हुनर है मुझमें, हँसते हँसते गम छुपाने का हुनर है मुझमें। तुम चाहे कितनी भी बार कोशिश कर लो तोड़ने को मुझको, हर बार पहले से मजबूत होकर सामना करने की हिम्मत है मुझमें। मचा लो शोर तुम्हें जितना मचाना है, पर, उस शोर को दबाना अच्छे से आता है मुझे। जितना जी चाहो कुरेद लो मेरे जख़्मों को, मगर, मुझे भी अब जख़्म के साथ जीना है आता। तुम लाख तमाशा बनाना चाहो मेरी मुहब्बत का, पर जान लो, मुझे भी ख़ामोशी से रहना है आता। जितनी चाहे ओछी हरकत कर लो तुम मेरे साथ, मगर, याद रखना तुम्हारे हर बात का जबाव देना आता है मुझे। तुम जितना चाहे परेशान करके देख लो मुझे, सीखा है मैंने विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना। ©नेहा ईश्वर

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#विचार #Morning  भूल कर बीते लम्हें फ़िर से आज एक नयी शुरुआत कीजिए, 
परमात्मा ने जो दिया, बहुत दिया, उनका शुक्रिया अदा कीजिए।

चाहे पूरी दुनिया ही आपके खिलाफ़ क्यों ना हो,
आप हर हाल में हमेशा स्वयं का साथ देना सीखिए।

ख़ूबसूरत हो जाएंगी उस पल से ज़िन्दगी, 
जिस पल से लोगों की बातों को करने लगेंगे नज़रअंदाज।

दूसरों के बजाय सबसे पहले ख़ुद से प्यार करना सीखिए, 
बेहतरीन के चक्कर में बेहतर को ना खोइए।

©नेहा ईश्वर

#Morning

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ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, मुबारक हो आपकी ज़िन्दगी का हर पल। ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, अल्लाह करें आप सब की हिफाज़त। सबके दामन ख़ुशियों से भर जाए, ईद का चाँद कुछ ऐसा करम बरसाए। अल्लाह से मेरी है बस ये अर्जी, पूरी हो आप सबकी हर मर्ज़ी। ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, आपका हर दिन ईद के जैसा हो। ©नेहा ईश्वर

#विचार  ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो,
मुबारक हो आपकी ज़िन्दगी का हर पल।

ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो,
अल्लाह करें आप सब की हिफाज़त।

सबके दामन ख़ुशियों से भर जाए,
ईद का चाँद कुछ ऐसा करम बरसाए।

अल्लाह से मेरी है बस ये अर्जी,
पूरी हो आप सबकी हर मर्ज़ी।

ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो,
आपका हर दिन ईद के जैसा हो।

©नेहा ईश्वर

ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, मुबारक हो आपकी ज़िन्दगी का हर पल। ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, अल्लाह करें आप सब की हिफाज़त। सबके दामन ख़ुशियों से भर जाए, ईद का चाँद कुछ ऐसा करम बरसाए। अल्लाह से मेरी है बस ये अर्जी, पूरी हो आप सबकी हर मर्ज़ी। ईद मुबारक हो, चाँद मुबारक हो, आपका हर दिन ईद के जैसा हो। ©नेहा ईश्वर

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#शायरी #ईद  मुबारक हो आपको ईद वाली चाँद, 
अल्लाह हमेशा महफ़ूज रखें आपका कुल खानदान। 

रब अता फ़रमाए, आपको हमेशा नेक राह पर चलना सिखाए, 
करें वो हर ख़्वाहिश आपकी पूरी,ना रहे कोई चाहत अधूरी।

आपके अपनों का साथ मिले, हमेशा आपस में हिल-मिल कर रहें,
आपका घर-आँगन ख़ुशियों की ख़ूशबू से महके।

खुदा की रहमत बनी रहे हमेशा आप पर, ना आए कोई गम आपके हिस्से,
जीवन हो इतनी ख़ूबसूरत कि हसीं हो आपकी ज़िन्दगी के हर किस्से।

लेकर आए ये ईद कुछ ऐसा, आपका हर दिन हो ईद जैसा, 
ईद है खुदा का एक नायाब तबारक, हम आपको कहते हैं ईद मुबारक।

©नेहा ईश्वर

#ईद

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नहीं हूँ मैं अबला, नहीं हूँ मैं लाचार, यूँ दीनहीन मत समझो कोई मुझे यार। नहीं सहूँगी बंदिशें, नहीं चाहिए कोई सहानुभूति, अपना हक छिन कर ले लूँगी, रखना ये याद। जीत कर दिखाएंगे हर बाजी, बस, आप मत करना कोई चालबाज़ी। जितना तोड़ना चाहेंगे मुझे, उतना ही अधिक बनकर दिखाएंगे मज़बूत। नारी हूँ मैं, हाँ नारी हूँ मैं। कभी काली तो कभी चण्डी हूँ मैं। कोमल हूँ मैं, कठोर भी हूँ मैं, आप मसल सको, वो ना फ़ूल हूँ मैं। कर सकती हूँ जब मैं सृष्टि का सृजन , फ़िर भला आपके आगे क्यों होना नतमस्तक? ©नेहा ईश्वर

#समाज #Silence  नहीं हूँ मैं अबला, नहीं हूँ मैं लाचार,
यूँ दीनहीन मत समझो कोई मुझे यार।

नहीं सहूँगी बंदिशें, नहीं चाहिए कोई सहानुभूति, 
अपना हक छिन कर ले लूँगी, रखना ये याद।

जीत कर दिखाएंगे हर बाजी,
बस, आप मत करना कोई चालबाज़ी।

जितना तोड़ना चाहेंगे मुझे,
उतना ही अधिक बनकर दिखाएंगे मज़बूत।

नारी हूँ मैं, हाँ नारी हूँ मैं।
कभी काली तो कभी चण्डी हूँ मैं।

कोमल हूँ मैं, कठोर भी हूँ मैं,
आप मसल सको, वो ना फ़ूल हूँ मैं।

कर सकती हूँ जब मैं सृष्टि का सृजन ,
फ़िर भला आपके आगे क्यों होना नतमस्तक?

©नेहा ईश्वर

#Silence

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