हम रातों को उठ उठ के जिन के लिए रोते हैं वो ग़ैर | English Shayari Vid

"हम रातों को उठ उठ के जिन के लिए रोते हैं वो ग़ैर की बाँहों में आराम से सोते हैं हम अश्क जुदाई के गिरने ही नहीं देते बेचैन सी पलकों में मोती से पिरोते हैं होता चला आया है बे-दर्द ज़माने में सच्चाई की राहों में काँटे सभी बोते हैं अंदाज़-ए-सितम उन का देखे तो कोई 'हसरत' मिलने को तो मिलते हैं नश्तर से चुभोते हैं हसरत जयपुरी "

हम रातों को उठ उठ के जिन के लिए रोते हैं वो ग़ैर की बाँहों में आराम से सोते हैं हम अश्क जुदाई के गिरने ही नहीं देते बेचैन सी पलकों में मोती से पिरोते हैं होता चला आया है बे-दर्द ज़माने में सच्चाई की राहों में काँटे सभी बोते हैं अंदाज़-ए-सितम उन का देखे तो कोई 'हसरत' मिलने को तो मिलते हैं नश्तर से चुभोते हैं हसरत जयपुरी

#dardedil

हम रातों को उठ उठ के जिन के लिए रोते हैं
वो ग़ैर की बाँहों में आराम से सोते हैं

हम अश्क जुदाई के गिरने ही नहीं देते
बेचैन सी पलकों में मोती से पिरोते हैं

People who shared love close

More like this

Trending Topic