हज़ार कविता सुनाकर भी तुम्हें हम अपना ना बना सके उस | हिंदी कविता
"हज़ार कविता सुनाकर भी तुम्हें हम अपना ना बना सके
उसने एक गिटार की धुन क्या सुनाई तुम्हे उसे अपना दिल दे बैठी
किसी ने कहा है कि पहली मोहब्बत मुकम्मल नही हुआ करती
पर यह भी हम जानते है कि कोशिश करने वालो की हार नही होती"
हज़ार कविता सुनाकर भी तुम्हें हम अपना ना बना सके
उसने एक गिटार की धुन क्या सुनाई तुम्हे उसे अपना दिल दे बैठी
किसी ने कहा है कि पहली मोहब्बत मुकम्मल नही हुआ करती
पर यह भी हम जानते है कि कोशिश करने वालो की हार नही होती