वीर जवानों का एक रेला चला गया
हर घर का एक सपूत अकेला चला गया
घड़ियाली आसूं को लेकर आंखों में
खादी नेताओं का मेला चला गया
भाषण में गर रहे व्यस्त तो भी क्या है
नेता जी के पहले चेला चला गया
कितना भारी होगा सीना उस मां से पूछो
जिसका बेटा अलबेला चला गया
दर्द न जाने कितना उसके अन्दर होगा
बाप ने जाने कैसे झेला और चला गया
मक्कारी भी देखो कैसे करते हैं नेता
सबके नाम का एक-एक ढेला चला गया
©अनुज
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