उसे लगता है, वो मुझसे दूर चली गयी है, बहुत दूर। पर उसे ये नहीं मालूम कि ये दूरी तभी तक है, जब तक मैं अपने दायरे में हूँ। अगर किसी दिन मैं ये दायरे भूल गया या अपनी सनक में इन दायरों को लांघने पे आमादा हो गया तो ये फासला मेरी पहुँच से बहुत छोटा हो जाएगा। अगर मैं ये नहीं करता हूँ तो ये मेरी मर्ज़ी है मज़बूरी नहीं।।
-PRANAV
#emptiness