Pranav Singh Baghel

Pranav Singh Baghel Lives in Dhanbad, Jharkhand, India

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आज भी मैं पाता हूँ ख़ुद को उसी तालाब के किनारे, मंदिर की ओर एकटक ताकता हुआ। किसी इंतज़ार में शायद। मानो मंदिर की दीवार के पीछे से खिलखिलाती हुई बाहर आ जाओगी तुम। और फिर मैं भागकर तुमसे लिपट जाऊँगा, ठीक वैसे ही जैसे भीड़ में गुम कोई बच्चा अपनी माँ को देखकर लिपट जाता होगा। और फिर तुम मुझसे कहोगी, "तुम भी ना मुझे कभी नहीं ढूंढ पाते हो। " वाकई में नहीं ढूंढ पाता हूँ..... ©Pranav Singh Baghel

#ज़िन्दगी #Stories #story #lover #Moon  आज भी मैं पाता हूँ ख़ुद को उसी तालाब के किनारे, मंदिर की ओर एकटक ताकता हुआ। किसी इंतज़ार में शायद। मानो मंदिर की दीवार के पीछे से खिलखिलाती हुई बाहर आ जाओगी तुम। और फिर मैं भागकर तुमसे लिपट जाऊँगा, ठीक वैसे ही जैसे भीड़ में गुम कोई बच्चा अपनी माँ को देखकर लिपट जाता होगा। और फिर तुम मुझसे कहोगी, "तुम भी ना मुझे कभी नहीं ढूंढ पाते हो। "

वाकई में नहीं ढूंढ पाता हूँ.....

©Pranav Singh Baghel

#poetry #lost #love #story #Stories #pond #Love #lover #Moon

10 Love

तुम्हारी चुनरी में बड़े करीने से पिरोया गया वो मोती। उसमे इक अजीब सी चमक है। चमक, वो जो चाँद में होती है, सितारों में होती है। चमक, वो जो तुम्हारी आँखों में होती है। या वो, जो मेरी आँखों में होती है, जब मैं तुम्हारी आँखों में देखता हूँ.... ©Pranav Singh Baghel

#बात #SunSet  तुम्हारी चुनरी में बड़े करीने से पिरोया गया वो मोती। उसमे इक अजीब सी चमक है। चमक, वो जो चाँद में होती है, सितारों में होती है। चमक, वो जो तुम्हारी आँखों में होती है। या वो, जो मेरी आँखों में होती है, जब मैं तुम्हारी आँखों में देखता हूँ....

©Pranav Singh Baghel

#SunSet

12 Love

मैं आगे निकल आया हूँ। मेरा "मैं" पीछे छूट गया है। वो छूटा नहीं है, मैं ही उसे छोड़ आया हूँ। वो छूटना चाहता भी नहीं है, नतीजन हर बार वो मुझे पीछे खींचता है, मैं भी पीछे जाता हूँ और हर बार उसे पीछे ही छोड़ आता हूँ। ऐसा नहीं है कि मुझे उससे लगाव नहीं है, पर ऐसा मैं इसलिए करता हूँ क्योंकि भविष्य का मैं मुझे मेरे "मैं" को भविष्य में ले जाने की इजाज़त नहीं देता।। -PRANAV

#बात #Moon  मैं आगे निकल आया हूँ। मेरा "मैं" पीछे छूट गया है। वो छूटा नहीं है, मैं ही उसे छोड़ आया हूँ। वो छूटना चाहता भी नहीं है, नतीजन हर बार वो मुझे पीछे खींचता है, मैं भी पीछे जाता हूँ और हर बार उसे पीछे ही छोड़ आता हूँ।
ऐसा नहीं है कि मुझे उससे लगाव नहीं है, पर ऐसा मैं इसलिए करता हूँ क्योंकि भविष्य का मैं मुझे मेरे "मैं" को भविष्य में ले जाने की इजाज़त नहीं देता।।


-PRANAV

#Moon

13 Love

अंधेरी रात, फ़िर अंधेरी रात, फ़िर अंधेरी रात।। मुझे इन्तज़ार है उन चार दिनों का, जब चाँदनी आएगी। मेरे दरीचे से अंदर आकर बिना मेरी इजाज़त मेरे गालों को सहलाएगी और मेरे सारे ज़ख़्म भर जाएँगे। लेकिन अगर उसने मेरे दिल में जगह बना ली तो, और मुझे उसकी आदत पड़ गयी तो। फिर कैसे कटेंगी वो सारी स्याह रातें, जो उन चार दिनों के बाद आएँगी। ये एक कायर की सोच है, जो बन्द कर के बैठा है अपनी खिड़कियाँ। ऐसे बुज़दिल के पास चाँदनी आएगी भी क्यों।। - PRANAV

#विचार #alone  अंधेरी रात, फ़िर अंधेरी रात, फ़िर अंधेरी रात।।
मुझे इन्तज़ार है उन चार दिनों का, जब चाँदनी आएगी। मेरे दरीचे से अंदर आकर बिना मेरी इजाज़त मेरे गालों को सहलाएगी और मेरे सारे ज़ख़्म भर जाएँगे।
 लेकिन अगर उसने मेरे दिल में जगह बना ली तो, और मुझे उसकी आदत पड़ गयी तो। फिर कैसे कटेंगी वो सारी स्याह रातें, जो उन चार दिनों के बाद आएँगी। ये एक कायर की सोच है, जो बन्द कर के बैठा है अपनी खिड़कियाँ। ऐसे बुज़दिल के पास चाँदनी आएगी भी क्यों।।


- PRANAV

#alone

11 Love

उसे लगता है, वो मुझसे दूर चली गयी है, बहुत दूर। पर उसे ये नहीं मालूम कि ये दूरी तभी तक है, जब तक मैं अपने दायरे में हूँ। अगर किसी दिन मैं ये दायरे भूल गया या अपनी सनक में इन दायरों को लांघने पे आमादा हो गया तो ये फासला मेरी पहुँच से बहुत छोटा हो जाएगा। अगर मैं ये नहीं करता हूँ तो ये मेरी मर्ज़ी है मज़बूरी नहीं।। -PRANAV

#बात #emptiness  उसे लगता है, वो मुझसे दूर चली गयी है, बहुत दूर। पर उसे ये नहीं मालूम कि ये दूरी तभी तक है, जब तक मैं अपने दायरे में हूँ। अगर किसी दिन मैं ये दायरे भूल गया या अपनी सनक में इन दायरों को लांघने पे आमादा हो गया तो ये फासला मेरी पहुँच से बहुत छोटा हो जाएगा। अगर मैं ये नहीं करता हूँ तो ये मेरी मर्ज़ी है मज़बूरी नहीं।।


-PRANAV

#emptiness

11 Love

ज़ख़्मों में हँसना पड़ता है शाइरी के लिए गिर गिरकर उठना पड़ता है शाइरी के लिए ज़िंदादिली से हो जाती, तो सब करते, जीते जी मरना पड़ता है शाइरी के लिए तुम्हारे राज़, तुम राज़ रख सकते हो, हमको सब कहना पड़ता है शाइरी के लिए नदी किनारे बैठने भर से कुछ नहीं होगा, दरिया संग बहना पड़ता है शाइरी के लिए मेरे किस्से ग़र तुम तक पहुँचें, रोना मत दर्द तो देखो सहना पड़ता है शाइरी के लिए सुन लें, वो जो पूछ रहे थे कैसे होती है, दिल काग़ज़ पर रखना पड़ता है शाइरी के लिए -Pranav

#शायरी #footsteps  ज़ख़्मों में हँसना पड़ता है शाइरी के लिए
गिर गिरकर उठना पड़ता है शाइरी के लिए

ज़िंदादिली से हो जाती, तो सब करते,
जीते जी मरना पड़ता है शाइरी के लिए

तुम्हारे राज़, तुम राज़ रख सकते हो,
हमको सब कहना पड़ता है शाइरी के लिए

नदी किनारे बैठने भर से कुछ नहीं होगा,
दरिया संग बहना पड़ता है शाइरी के लिए

मेरे किस्से ग़र तुम तक पहुँचें, रोना मत
दर्द तो देखो सहना पड़ता है शाइरी के लिए

सुन लें, वो जो पूछ रहे थे कैसे होती है,
दिल काग़ज़ पर रखना पड़ता है शाइरी के लिए

-Pranav

#footsteps

3 Love

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