ZIndagi quotes in hindi चार कंधों पर जब हमें उठाकर चलें।
है गुज़ारिश कि सब मुस्कुराकर चलें ।।
है ज़माने को शौक़-ए-तमाशा बहुत ।
आबरू अपनी आप ही छुपाकर चलें ।।
दिल हो बेजार तकलीफ़ मे हो चाहे ज़िंदगी ।
पर लबों पे तबस्सुम सजाकर चलें ।।
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©Sarfaraj idrishi
चार कंधे हमें जब उठाकर चलें। है गुज़ारिश कि सब मुस्कुराकर चलें ।।
देख पाएगी ना वो जनाज़ा मेरा । इसलिए उस गली को बचाकर चलें ।।
है ज़माने को शौक़-ए-तमाशा बहुत । आबरू अपनी आप ही छुपाकर चलें ।।
दिल हो बेजार तकलीफ़ हो ज़िंदगी । पर लबों पे तबस्सुम सजाकर चलें ।।Sudha Tripathi @Rakesh Srivastava @@d.r~ solanki~~ Dhanraj Gamare बाबा ब्राऊनबियर्ड