"ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठ और आज सब बैठ ही जा रहे हैं . . . !
कोई तोहफा ना मिला आज तक मुझे और आज सब फूल ही फूल दिए जा रहे हैं ।
तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए और आज सब कंधे पर कंधा दिए जा रहे है ।"
ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठ और आज सब बैठ ही जा रहे हैं . . . !
कोई तोहफा ना मिला आज तक मुझे और आज सब फूल ही फूल दिए जा रहे हैं ।
तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए और आज सब कंधे पर कंधा दिए जा रहे है ।