Monu Saini

Monu Saini Lives in Moradabad, Uttar Pradesh, India

मैं एक दुनिया हूँ जिसकी दुनिया कोई दुनिया नहीं हैं मैं वो शायर हूँ जिसकी किसी को परवाह नहीं हैं ?

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Shayari Ke Rang

Shayari Ke Rang

Wednesday, 16 November | 08:34 am

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रोज़ उसके क़रीब जाकर उससे बिछड़ जाता हूँ , मैं वो रात हूँ जो एक सुबह को चाहता हूँ ! ©Monu Saini

#जो_एक_सुबह_को_चाहता_हूँ #Light  रोज़ उसके क़रीब जाकर उससे बिछड़ जाता हूँ ,
मैं वो रात हूँ जो एक सुबह को चाहता हूँ !

©Monu Saini

चांद तेरी हर बात का जवाब है . . मेरे पास , लेकिन तुझ से तेरे बोलने की आज़ादी नहीं . . छिनूंगा मैं आज । मैं बोलता हूं तो पूरी . . दुनिया सुनती है । लेकिन यहां पे सिर्फ तेरी . . . बात और तंज , ताने सुनना अच्छा लगता है . . . मुझे आज , क्योंकि ज़्यादा बोलता हूं तो तू मेरी खामियां गिनती है । । लेकिन अच्छा लगता है जब तू मेरी बेइज्जती करती है , अगर तुझे खुशी मिलती है . . तो इसी तरह बेशक बेइज्जती कर मेरी . . ये तुझ से विनती है मेरी । । मैं तेरे लिए नाग़वार हूं . . मैं इस बेज्ज़ती का पूरी तरह हक़दार हं । सारी बातें रख दी राज़ . . टूट चुका हूं किस क़दर . . मैंने खुद को सज़ा सुना कर अपनी कलम तोड़ दी आज । देख मैंने शायरी भी अधूरी छोड़ दी आज ,

#अधूरी_शायरी_छोड़_दी  चांद तेरी हर बात का जवाब है . . मेरे पास , लेकिन तुझ से तेरे बोलने की आज़ादी नहीं . . छिनूंगा मैं आज । मैं बोलता हूं तो पूरी . . दुनिया सुनती है । लेकिन यहां पे सिर्फ तेरी . . . बात और तंज , ताने सुनना अच्छा लगता है . . . मुझे आज , क्योंकि ज़्यादा बोलता हूं तो तू मेरी खामियां गिनती है । । लेकिन अच्छा लगता है जब तू मेरी बेइज्जती करती है , अगर तुझे खुशी मिलती है . . तो इसी तरह बेशक बेइज्जती कर मेरी . . ये तुझ से विनती है मेरी । । मैं तेरे लिए नाग़वार हूं . . मैं इस बेज्ज़ती का पूरी तरह हक़दार हं । सारी बातें रख दी राज़ . . टूट चुका हूं किस क़दर . . मैंने खुद को सज़ा सुना कर अपनी कलम तोड़ दी आज । देख मैंने शायरी भी अधूरी छोड़ दी आज ,

उसे अपनी शायरी में छुपाया है मैंने । उसे अपनी खामोशी में बसाया है मैंने । वो आसमां है और खुद को जमीं बनाया है मैंने । वो मंजिल है और खुद को सफर बनाया है मैंने । वो सुबह का निकलता सूरज है और खुद को ढालता शाम बनाया है मैंने । वो हंसी है और खुद को दर्द बनाया है मैंने ।

#उसको_अपना_सब_कुछ_बनाया_में #Quote  उसे अपनी शायरी में छुपाया है मैंने ।
उसे अपनी खामोशी में बसाया है मैंने । 
वो आसमां है और खुद को जमीं बनाया है मैंने । 
वो मंजिल है और खुद को सफर बनाया है मैंने । 
वो सुबह का निकलता सूरज है और खुद को ढालता शाम बनाया है मैंने । 
वो हंसी है और खुद को दर्द बनाया है मैंने ।

ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठ और आज सब बैठ ही जा रहे हैं . . . ! कोई तोहफा ना मिला आज तक मुझे और आज सब फूल ही फूल दिए जा रहे हैं । तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए और आज सब कंधे पर कंधा दिए जा रहे है ।

#हाँ_सब_मेरे_पास_आ_रहे_हैं  ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठ और आज सब बैठ ही जा रहे हैं . . . ! 
कोई तोहफा ना मिला आज तक मुझे और आज सब फूल ही फूल दिए जा रहे हैं ।
 तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए और आज सब कंधे पर कंधा दिए जा रहे है ।

गुम गया था मैं जिंदगी कि कुछ मुसीबतों से , न खेला था मैं तेरे जज्बातों से ! कुरेद कर क्या मिला तुझे अपने ही जज्बात को , एक बार मुझ से भी पुछ लिया होता मेरे हालात को ! अगर पहचान लेती तु मेरे आंखों को दर्द तो तुझे उन आंखों में चिराग भी मिलता , अपना ईगो भुल कर मुझे बात कर लेती तो तुजे हर सवाल क जवाब भी मिलता |

#हर_जवाब_मिलता_तुझे #Quote  गुम गया था मैं जिंदगी कि कुछ मुसीबतों से , न खेला था मैं तेरे जज्बातों से ! कुरेद कर क्या मिला तुझे अपने ही जज्बात को , एक बार मुझ से भी पुछ लिया होता मेरे हालात को ! अगर पहचान लेती तु मेरे आंखों को दर्द तो तुझे उन आंखों में चिराग भी मिलता , अपना ईगो भुल कर मुझे बात कर लेती तो तुजे हर सवाल क जवाब भी मिलता |
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