"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," हर वक़्त पहरेदार बिठा रखता
आप पर मै इतना हक़ जता सकता
मेरे ख़्वाबों में आने लगी हो तुम
मै भी तेरे आस पास भटकने का
हक़दार हो जाता.....
बेखौफ़ हैं प्रजा तुम्हारी रानी साहिबा
क्या मै मल्लिका का ख्वाब सजा सकता...
©MALLIKA
#khwaab