Khwaab Shayari
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"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," हर वक़्त पहरेदार बिठा रखता आप पर मै इतना हक़ जता सकता मेरे ख़्वाबों में आने लगी हो तुम मै भी तेरे आस पास भटकने का हक़दार हो जाता..... बेखौफ़ हैं प्रजा तुम्हारी रानी साहिबा क्या मै मल्लिका का ख्वाब सजा सकता... ©MALLIKA

#khwaab  "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," हर वक़्त पहरेदार बिठा रखता 
आप पर मै इतना हक़ जता सकता
मेरे ख़्वाबों में आने लगी हो तुम
मै भी तेरे आस पास भटकने का
 हक़दार हो जाता.....
बेखौफ़ हैं प्रजा तुम्हारी रानी साहिबा
क्या मै मल्लिका का ख्वाब सजा सकता...

©MALLIKA

#khwaab

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"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," ख्वाब तो वही पुराने आते है हर रोज...!! एक नींद है जो पहले जैसे नही आती..!! Jay..!!

#khwaab  "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," ख्वाब तो वही पुराने आते है हर रोज...!!
एक नींद है जो पहले जैसे नही आती..!!
Jay..!!

#khwaab

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"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," "ख़्वाब" सी होती हैं... कुछ "यादें"❣️❣️ सिर्फ़ "आँखों" में ही रहती हैं... "जिंदगी" में नही.....❣️ ©umera_writes

#shayrilover❤  "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," "ख़्वाब" सी होती हैं...

कुछ "यादें"❣️❣️

सिर्फ़ "आँखों" में ही रहती हैं...

"जिंदगी" में नही.....❣️

©umera_writes

"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," Kaidi hai sabhi yaha.. Koi khwabon ka, to koi khwaishon ka..

#Zindagi #Haqiqat #khwaab #Quote #Sapna  "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," Kaidi hai sabhi yaha..
Koi khwabon ka, to koi khwaishon ka..

"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," गुलाब की महक को चुराया नही जाता,सूरज की रोशनी को छुपाया नही जाता,दुरीया याहै कितनी बी हो भाई बहन में,मगर चाहकर बी दिल से दूर नही हो सकती बहना में ओर मेरे अहसास

 "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," गुलाब की महक को
चुराया नही जाता,सूरज की रोशनी को 
छुपाया नही जाता,दुरीया याहै कितनी 
बी हो भाई बहन में,मगर चाहकर बी 
दिल से दूर नही हो सकती 
बहना
में ओर मेरे अहसास

"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," गुलाब की महक को चुराया नही जाता,सूरज की रोशनी को छुपाया नही जाता,दुरीया याहै कितनी बी हो भाई बहन में,मगर चाहकर बी दिल से दूर नही हो सकती बहना में ओर मेरे अहसास

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"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," छोटी आँखों के निचे बङे ख्वाबो का पहरा हैं, निंद‌ भी आऐ तो कैसे आऐ निंदो से सुनहरा लगता कल मेरा हैं

#विचार #khwaab  "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," छोटी आँखों के निचे
बङे ख्वाबो का पहरा हैं,

निंद‌ भी आऐ तो कैसे आऐ
निंदो से सुनहरा लगता कल मेरा हैं

#khwaab

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