जिन्हें परेशान देखकर पागल हो जाया करते है, प्यार स | English Sad

"जिन्हें परेशान देखकर पागल हो जाया करते है, प्यार से जिनको दिल का टुकड़ा बुलाया करते है। ना जाने क्यु मुझसे वो लोग कहानियाँ बना रहे है, ऐसा लग रहा हैं की ज़रूरत के हिसाब से हक़ जता रहे है। कोशिश कर रहा मैं जिसका भविष्य संवारने की, हिदायते दे रहा हु जिनको ज़िंदगी के जंग जीतने की, हर वक़्त जिसके भले की बात ढूँढता हु, ना ख़ुद के लिए कोई तुमसे रत्ती भर की आस ढूँढ़ता हु। फिर क्यु ये लोग मेरे प्यार और केयर को वीयर्ड(अजीब) बता रहे है, मेरे चरित्र पर किस हिसाब से उँगली उठा रहे है? बातो में मुझको अपने पलकों पे बिठाए रखते है मिलो तो एक अजनबी जैसा एहसास जता रहे हैं। ©NoFamePoetry"

 जिन्हें परेशान देखकर पागल हो जाया करते है,
प्यार से जिनको दिल का टुकड़ा बुलाया करते है।
ना जाने क्यु मुझसे वो लोग कहानियाँ बना रहे है,
ऐसा लग रहा हैं की ज़रूरत के हिसाब से हक़ जता रहे है।

कोशिश कर रहा मैं जिसका भविष्य संवारने की,
हिदायते दे रहा हु जिनको ज़िंदगी के जंग जीतने की,
हर वक़्त जिसके भले की बात ढूँढता हु,
ना ख़ुद के लिए कोई तुमसे रत्ती भर की आस ढूँढ़ता हु।

फिर क्यु ये लोग मेरे प्यार और केयर को वीयर्ड(अजीब) बता रहे है,
मेरे चरित्र पर किस हिसाब से उँगली उठा रहे है?
बातो में मुझको अपने पलकों पे बिठाए रखते है
मिलो तो एक अजनबी जैसा एहसास जता रहे हैं।

©NoFamePoetry

जिन्हें परेशान देखकर पागल हो जाया करते है, प्यार से जिनको दिल का टुकड़ा बुलाया करते है। ना जाने क्यु मुझसे वो लोग कहानियाँ बना रहे है, ऐसा लग रहा हैं की ज़रूरत के हिसाब से हक़ जता रहे है। कोशिश कर रहा मैं जिसका भविष्य संवारने की, हिदायते दे रहा हु जिनको ज़िंदगी के जंग जीतने की, हर वक़्त जिसके भले की बात ढूँढता हु, ना ख़ुद के लिए कोई तुमसे रत्ती भर की आस ढूँढ़ता हु। फिर क्यु ये लोग मेरे प्यार और केयर को वीयर्ड(अजीब) बता रहे है, मेरे चरित्र पर किस हिसाब से उँगली उठा रहे है? बातो में मुझको अपने पलकों पे बिठाए रखते है मिलो तो एक अजनबी जैसा एहसास जता रहे हैं। ©NoFamePoetry

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