तुम सुधा बनकर वास करना
मैं नारायण बनकर साथ दूँगा
तुम पवित्र रहना सीता जैसे
मैं राम बनकर सम्मान करुँगा
तुम सत्यवती बनकर प्रेम करना
मैं शंतनु बनकर तुम्हारे साथ रहूंगा
तुम राधा बनकर पुकारना
मैं कृष्णा बनकर वापस आऊँगा
तुम शब्द बनकर बिखर जाना
मैं अर्थ बनकर सम्भाल लुँगा
तुम अगर त्याग करो सती जैसा
मैं शिव बनकर प्रतीक्षा करूँगा
- शंतनू कोळेकर
©Shantanu Kolekar