जीवन कविता में वक़्त ने एक नई पंक्ति जोडी, आई खुशिय | हिंदी कविता
"जीवन कविता में वक़्त ने एक नई पंक्ति जोडी,
आई खुशियाँ झूमकर, भले देर लग गई थोड़ी;
जिसे खोने का डर होता था मुझे पल पल,
उसने ही तो रंग दी, जो मेरी प्रित कथा थी कोरी।"
जीवन कविता में वक़्त ने एक नई पंक्ति जोडी,
आई खुशियाँ झूमकर, भले देर लग गई थोड़ी;
जिसे खोने का डर होता था मुझे पल पल,
उसने ही तो रंग दी, जो मेरी प्रित कथा थी कोरी।