क्यूँ खुद जलकर भी मुझे उजाला दिख रही हो? आंसुओं क | हिंदी Love
"क्यूँ खुद जलकर भी
मुझे उजाला दिख रही हो?
आंसुओं की सीलन को
क्यूँ तुम पानी बता रही हो?
मुझसे ही मिले ये जख्म
सहने के बावजूद
खुद जलकर फिर मेरी सलामती
के दिये जला रही हो ?
- जज़्बात"
क्यूँ खुद जलकर भी
मुझे उजाला दिख रही हो?
आंसुओं की सीलन को
क्यूँ तुम पानी बता रही हो?
मुझसे ही मिले ये जख्म
सहने के बावजूद
खुद जलकर फिर मेरी सलामती
के दिये जला रही हो ?
- जज़्बात