29 सितंबर को "हृदय दिवस" पर एक
- कुण्डलिया -
अपना हृदय सँभालिए, हृदय दिवस है आज।
हृदयहीन क्यों हो रहा, अब यह मनुज समाज।।
अब यह मनुज समाज, हो गया भौतिकवादी।
बढ़े हृदय के रोग, असाध्य और बेम्यादी।।
हृदय रहें सब स्वस्थ, पूर्ण हो तब यह सपना।
जब हों शुद्ध विचार, हृदय हो निर्मल अपना।।
- हरिओम श्रीवास्तव -
©Hariom Shrivastava
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