धरती पर हरेक इनसान नया नया लेता है जनम जाग जाने क | हिंदी शायरी

"धरती पर हरेक इनसान नया नया लेता है जनम जाग जाने के बाद। दूर भागता है तम,अकसर गुम हो जाता है वहम जाग जाने के बाद। लूटकर अपनों का प्यार, जी भर के जी लेता है वो ख़्वाबों में,इसीलिए कभी हँसती हैं उसकी आँखें, कभी रहती है नम जाग जाने के बाद। ✍️साई नलिनी ©Nalini Sai"

 धरती पर हरेक  इनसान नया नया लेता है जनम जाग जाने के बाद।
दूर भागता है तम,अकसर गुम हो जाता है  वहम जाग जाने के बाद।
लूटकर  अपनों  का प्यार, जी  भर के  जी  लेता है वो ख़्वाबों में,इसीलिए
कभी  हँसती हैं उसकी आँखें, कभी रहती है नम जाग जाने के बाद।

✍️साई नलिनी

©Nalini Sai

धरती पर हरेक इनसान नया नया लेता है जनम जाग जाने के बाद। दूर भागता है तम,अकसर गुम हो जाता है वहम जाग जाने के बाद। लूटकर अपनों का प्यार, जी भर के जी लेता है वो ख़्वाबों में,इसीलिए कभी हँसती हैं उसकी आँखें, कभी रहती है नम जाग जाने के बाद। ✍️साई नलिनी ©Nalini Sai

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