आज भी तुम याद आती हो जब मै गलियो से गुजरता अपनी य

"आज भी तुम याद आती हो जब मै गलियो से गुजरता अपनी यहसास दिलाती हो महक आती द्वार से गम का, तू ना मिली अबतलक उदासीयों में मुझे सताती हो अधूरी है जिंदगी अधूरी है ख्वा़ब क्या फायदा इस जिंदगी का ना हो जब कभी तुमसे मुलाकात जिंदा हूँ तो बस तेरे साये से हौसला जीने की दिलाती हो नही होती खत्म तेरी एहसास, जब भी सोचता तुम्हें दूर करने की न जाने मेरे गम में क्यों तुम सिर्फ़ मुस्कुराती हो। बेचैन हूँ तुम्हारी चाहतो से हृदय की गहराइयों में समाती हो -------santosh sharma"

 आज भी तुम याद आती हो 
जब मै गलियो से गुजरता
अपनी यहसास दिलाती हो
महक आती  द्वार से गम का,
तू ना मिली अबतलक 
उदासीयों में मुझे सताती हो
अधूरी है जिंदगी
अधूरी है ख्वा़ब
क्या फायदा इस जिंदगी का 
ना हो जब कभी तुमसे मुलाकात
जिंदा हूँ तो बस तेरे साये से
हौसला जीने की दिलाती हो
नही होती खत्म तेरी एहसास,
जब भी सोचता तुम्हें दूर करने की
न जाने मेरे गम में क्यों
तुम सिर्फ़ मुस्कुराती हो।
बेचैन हूँ तुम्हारी चाहतो से
हृदय की गहराइयों में समाती हो
-------santosh sharma

आज भी तुम याद आती हो जब मै गलियो से गुजरता अपनी यहसास दिलाती हो महक आती द्वार से गम का, तू ना मिली अबतलक उदासीयों में मुझे सताती हो अधूरी है जिंदगी अधूरी है ख्वा़ब क्या फायदा इस जिंदगी का ना हो जब कभी तुमसे मुलाकात जिंदा हूँ तो बस तेरे साये से हौसला जीने की दिलाती हो नही होती खत्म तेरी एहसास, जब भी सोचता तुम्हें दूर करने की न जाने मेरे गम में क्यों तुम सिर्फ़ मुस्कुराती हो। बेचैन हूँ तुम्हारी चाहतो से हृदय की गहराइयों में समाती हो -------santosh sharma

#Rose

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