Prem quotes in hindi बसंत ऋतु और तुम... . .
याद आने की भी जरूरत नहीं ,
तुम हमेशा याद रहते हो ...
तुम मौसम हो पतझड़ के बाद का ,(बसंत ऋतु )
फिजाओं की संगत में रहते हो ....
मैंने ढूंढा है तुम्हें ओस की बूंदों में ,
जो पलाश की शाखों पर मिलती हैं ...
मगर उन पीले फूलों की रंगत में तुम रहते हो ...
याद आने की भी जरूरत नहीं
तुम हमेशा याद रहते हो ....
मैंने ढूंढा है तुम्हें ,खामोशी से बहते हुए
समीर के कणों में ...
मगर उस चारों तरफ फैले ओजस से ,
बसंत में तुम रहते हो .....
याद आने की भी जरूरत नहीं ,
तुम हमेशा याद रहते हो ....
नंदिनी .....
©Nandini..