ये संसार दोगली शय है जिसने केवल मेरे सुख अपनाये म | हिंदी कविता

"ये संसार दोगली शय है जिसने केवल मेरे सुख अपनाये मै जब जब दुःखी था इसने मुझे त्याग दिया केवल मेरी माँ थी जो मेरे दुःख में मेरे साथ रोई इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी तुम्हारा नहीं है राघवेन्द्र"

 ये संसार दोगली शय है
जिसने केवल  मेरे सुख अपनाये
मै जब जब दुःखी था 
इसने मुझे त्याग दिया
केवल मेरी माँ थी जो मेरे दुःख में मेरे साथ रोई
इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी तुम्हारा नहीं है

राघवेन्द्र

ये संसार दोगली शय है जिसने केवल मेरे सुख अपनाये मै जब जब दुःखी था इसने मुझे त्याग दिया केवल मेरी माँ थी जो मेरे दुःख में मेरे साथ रोई इस संसार में मां से बढ़कर कोई भी तुम्हारा नहीं है राघवेन्द्र

#MothersDay2021

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